दिल्ली में तीन आतंकी वारदातों को भटकल ने दिया अंजाम
नई दिल्ली- सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए हैदराबाद और मुंबई बम धमाकों के मुख्य आरोपी एवं इंडियन मुजाहिद्दीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल को आज भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार कर लिया। सुरक्षा एजेंसियां पिछले पांच वर्षों से अधिक समय से भटकल की तलाश कर रही थीं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में से एक 30 वर्षीय भटकल को इंडियन मुजाहिद्दीन के एक अन्य नेता अख्तर के साथ गिरफ्तार किया गया। भटकल को दिल्ली लाया जा रहा है।
यासीन को मोहम्मद अहमद सिद्धीबप्पा के नाम से भी जाना जाता है। उस पर अपने तीन साथियों तहसीन अख्तर वसीम अख्तर शेख (23), असदुल्ला अख्तर जावेद अख्तर (26) और वकास उर्फ अहमद (26) के साथ मिलकर 13 जुलाई, 2011 को मुंबई के ओपेरा हाउस, जावेरी बजार और दादर पश्चिम में हुए तीन सिलसिलेवार बम धमाके अंजाम देने का आरोप है, जिसमें 27 लोगों की मौत हुई और 130 लोग घायल हो गए थे।
इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़ा यह आतंकी अहमदाबाद, सूरत, बेंगलूर, दिल्ली और हैदराबाद में हुए विभिन्न आतंकी हमलों में भी वांछित था। महाराष्ट्र के आंतकवाद निरोधक दस्ते ने इस वर्ष फरवरी महीने में यासीन और उसके तीन सहयोगियों की सूचना देने वाले को दस लाख रुपये ईनाम देने की घोषणा की थी।
दादर में हुए धमाके में शामिल तहसीन को छोडक़र अन्य तीनों लोगों पर पुणे शहर के मध्य में व्यस्त सडक़ पर एक अगस्त, 2012 को हुए कम तीव्रता के चार सिलसिलेवार धमाकों में भी शामिल होने का आरोप है। इस मामले से जुड़े आठ आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
दिल्ली में हुए तीन आतंकी वारदातों सहित विभिन्न आतंकी घटनाओं में संदिग्ध यासिन की सूचना के लिए दिल्ली पुलिस ने भी दिसंबर, 2011 में 15 लाख रुपये के ईनाम की घोषणा की थी। यासीन जहां कर्नाटक के भटकल का रहने वाला है, वहीं तहसीन बिहार के समस्तीपुर का और असदुल्ला उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है।
अपने भाई रियाज भटकल के साथ मिल कर वर्ष 2008 में इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) की स्थापना करने वाला यासीन 13 फरवरी, 2010 को पुणे स्थित जर्मन बेकरी में हुए बम धमाके में भी वाछिंत था, जिसमें 17 लोग मारे गए थे।
सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून के तहत वर्ष 2010 में आईएम को आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। वर्ष 2011 में अमेरिका ने भी इस प्रतिबंधित संगठन को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया था।
Comments are closed.