रुपए की पिटाई से ये होंगे मालामाल
टोरंटो – डॉलर के मुकाबले रुपए के कमजोर पडऩे से सरकार और रिजर्व बैंक भले ही परेशान हैं, पर रीयल एस्टेट कारोबार को इससे फायदा मिलने की उम्मीद है।
उद्योग एवं वाणियिक संगठन एसोचैम ने अपने एक सर्वेक्षण में उम्मीद जताई है कि रुपए में गिरावट के चलते प्रवासी भारतीय (एनआरआई) रीयल्टी क्षेत्र में निवेश के लिए खासे आकर्षित होंगे।
सर्वेक्षण में इस वर्ष रीयल्टी में एनआरआई का निवेश में 35 फीसदी बढऩे की उम्मीद जताई गई है। ऐसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि डॉलर के मुकाबले लगातार गिरते रुपए को देखते हुए प्रवासी भारतीय रीयल्टी क्षेत्र में निवेश बढ़ा सकते हैं।
दिल्ली, एनसीआर, चंडीगढ़, मुंबई, कोलकाता, बंगलूरू, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे, देहरादून और चेन्नई के करीब 1,250 रीयल एस्टेट प्रवर्तकों के बीच किए गए इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि विनिमय दर की बेहतर स्थिति के कारण रीयल्टी क्षेत्र में प्रवासी भारतीयों की रुचि बढ़ी है।
रिपोर्ट के अनुसार प्रवासी भारतीयों के निवेश के लिए चेन्नई, मुंबई, अहमदाबाद और देहरादून की तुलना में बंगलूरू सर्वाधिक पसंदीदा स्थल बन कर उभरा है। दिल्ली-एनसीआर के प्रति रुझान में कमी आई है।
सर्वे के मुताबिक प्रवासी भारतीयों की भारत में रियल्टी क्षेत्र में निवेश से एनआर आई की पूंजी में 20 से 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी की उम्मीद है।
ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका के प्रवासी भारतीयों ने रुचि दिखाई। निवेश के लिए व्यावसायिक भवनों और संपत्ति की मांग सबसे अधिक है।
खाड़ी देशों बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सउदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात में करीब 50 लाख प्रवासी भारतीय निवास करते हैं। वह प्रतिवर्ष करीब 30 अरब डॉलर की कमाई भारत भेजते हैं। आगामी वर्षों में इसमें और बढ़ोतरी होने की संभावना है।
सर्वेक्षण में शामिल रीयल एस्टेट क्षेत्र के करीब 75 फीसदी प्रवर्तकों ने कहा कि रुपए में जारी गिरावट से विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतीयों की पहली प्राथमिकता भारत में संपत्ति खरीद कर वापस लौटने की है।
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