फ्लाईट 752 के पीड़ित परिजन आज भी लड़ रहे हैं अपने दु:खों से
टोरंटो। लगभग एक वर्ष पूरा होने के पश्चात भी यूक्रेन में ईरान द्वारा मार गिराए गए पीएस 752 में मारे गए यात्रियों के परिजन आज भी न्याय की तलाश में भटक रहे हैं। इस बारे में अपने दु:ख की व्याख्या करते हुए अलीरेजा गांधची ने बताया कि यूक्रेनियन विमान हादसे में उसकी पत्नी और दो बच्चों को निर्मम हत्या हो गई थी जिन्हें आज भी वह प्रतिदिन सुबह उठते उन्हें याद करता हैं। अलीरेजा ने बताया कि उसका परिवार ईरान में छुट्टियां बिताकर लौट रहा था कि यह हादसा घट गया। आज उसकी पत्नी और दोनों बच्चे इस दुनिया में नहीं हैं परंतु उनकी यादें हमेशा उनके जीवन में और बनी रहेगी, लेकिन असमय इस प्रकार की मौतों का्रे न्याय दिलवाना उनका प्रथम कार्य हो गया हैं। उन्होंने आगे कहा कि घटना के पश्चात सरकारों की उदासीनता और दुनिया के पश्चिमी देशों में लगे लॉकडाऊन के कारण लोगों को इस हादसे के मूल कारणों को जानने का अवसर ही नहीं मिल पाया। उसने कहा कि अब केवल तस्वीरों में ही वह अपनी पत्नी और बच्चों को याद करके खुश हो पाता हैं, परंतु अभी तक इस घटना के दोषियों पर भी कार्यवाही नहीं की जाने से उन्हें बहुत अधिक दु:ख होता हैं। ज्ञात हो कि 8 जनवरी, 2020 को यूक्रेन से उड़ान भरे इस जेट प्लेन के सभी 176 यात्री इस दुर्घटना में मारे गए थे जिसकी जांच अभी तक चल रही हैं। अभी भी यह प्रतीत होता है कि कोई भी अन्य इस गुत्थी को सुलझाने में हमारी मदद करेगा, इसलिए संबंधित पीड़ित परिजनों को और अधिक दु:ख घेर लेता हैं। इस दुर्घटना में मृतकों के परिवार इस बात से तो आहत है ही कि उनके परिजनों के दोषियों को सजा नहीं मिल पाई बल्कि इस बात से भी उन्हें गहरा ठेस पहुचा है कि उनके मृतक परिजनों के कीमती गहनें आदि को घटना स्थल से ईरानी अधिकारियों द्वारा लूटा गया। इस मामले में रालेफ गुडेल ने बताया कि घटना की जांच के लिए कैनेडियन सरकार अपने निजी स्तर पर भी प्रयासों में लगी हुई हैं और जल्द ही इसके परिणाम सभी के सामने आएंगे। प्लेन क्रेश में अपनी मां को खोने वाले अमीराली अलावी ने बताया कि उसकी मां की मृत्यु के साथ उसे अभी तक उनका वालेट और लगेज नहीं मिल पाया जिसमें कई कीमती गहने थे, घटना से पूर्व उसकी मां ने उसे बताया था कि वह अपनी ज्वैलरी लगेज में रखकर ला रही हैं। आलवी ने बताया कि उड़ान के कुछ मिनटों बाद ही प्लेन पर जमीनी मिसाईल से हमला करके उसे मार गिराया गया, जिसके लिए संबंधित अधिकारियों पर अभी तक कोई भी कड़ी कार्यवाही नहीं हो पाई हैं इसके लिए इससे संबंधित कई देश प्रयासों में लगे हैं परंतु इसका नतीजा कुछ नहीं निकल रहा? पहले लोगों को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि यह एक मानवीय त्रुटि हैं, परंतु जब ईरानी जांच दल ने इस बात के साक्ष्य प्रस्तुत किए तभी पता चला कि यह दु:खद घटना किसी अधिकारी की भारी भूल थी, जिसे अब ठीक नहीं किया जा सकता। एक साल बाद भी मृतकों के परिजनों की बहुत सी यादें ताजा हो गई जिसे सोचकर वे अत्यधिक दु:खी हो रहे हैं।
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