महामारी काल के बढ़ने से घरेलू उग्रपन्थियों को कैनेडा के विरोधी देश दे रहे हैं बढ़ावा : रक्षा विभाग
औटवा। राष्ट्रीय रक्षा विभाग के नए शोध ने यह स्पष्ट किया कि कोविड-19 महामारी काल के बढ़ने से दक्षिण-पंथी उग्रपन्थियों को अपना विरोध व्यक्त करने का मौका दे दिया हैं, इन लोगों को कैनेडा के विरोधी देश और अधिक बढ़ावा दे रहे हैं। रक्षा विभाग की शोध रिपोर्ट में यह भी माना गया कि राजनैतिक, आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों को ये मामले बढ़ावा दे सकते हैं, इसलिए इस समय देश में सतर्कता बनाएं रखना अति आवश्यक हो गया है। जानकारों के अनुसार अभी यह कहना कठिन होगा कि ये कोरोना काल कब तक समाप्त होगा और स्थितियां सामान्य हो सकेगी। वहीं सरकारी सूत्रों का यह भी मानना है कि यह महामारी इस साल के अंत तक समाप्त हो जाएंगी, परंतु इसके लिए कोई भी पक्का आश्वासन नहीं दे रहा है। इसके विपरीत महामारीविदें को यह भी मानना है कि इस महामारी से उत्पन्न गंभीर स्थितियां पूर्ण रुप से वर्ष 2023 तक समाप्त हो सकेगी और यदि इसके दुष्प्रभावों को भी देखा जाएं तो उसके लिए वर्ष 2025 तक संयमित रहना होगा। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट कैनेडा द्वारा जारी रिपोर्ट में यह भी माना गया कि देश में ऐसी स्थितियों को पैदा करने के लिए कैनेडा के विरोधी देशों का बहुत बड़ा हाथ हैं, जिसमें प्रमुख रुप से चीन, ईरान, उत्तरी कोरिया और रुस प्रमुख है। ये देश दक्षिण-पंथी उग्रपन्थियों को कैनेडा में अराजकता को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिससे देश में संक्रमण अत्यधिक बुरे स्तर पर बढ़े और इसे नियंत्रण करने के लिए देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से खारिज हो जाएं। वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्र और नाटो आदि संस्थाओं का मानना है कि कैनेडा इस संकट काल से जल्द ही उबरेगा और अपने प्रतिद्वंदियों को भी उचित जवाब दे सकेगा। परंतु इस समय मौजूदा परिस्थितियों को संभालना अत्यंत आवश्यक हो गया हैं जिसके लिए उचित प्रबंधन करना ही सर्वश्रेष्ठ कार्य होगा।
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