मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में एक मिसिसॉगा निवासी को किया गिरफ्तार

मिसिसॉगा। अमेरिकी जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में एक मिसिसॉगा निवासी पर उत्तरी कोरियन साईबर स्पाईस को मनी लॉन्ड्रींग में मदद करने के आरोपों की पुष्टि की हैं, इस रिपोर्ट में यह स्पष्ट कहा गया कि देश के प्रमुख बैंकों से विदेशी मीडिया कंपनियों को मदद के नाम पर यह घोटाला किया गया। बुधवार को अपनी जांच रिपोर्ट में अमेरिकी न्याय विभाग ने तीन उत्तरी कोरियन हैकरों क्रमश: जॉन चांग ह्योक, किम इल और पार्क जिन ह्योक की मदद करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से 37 वर्षीय मिसिसॉगा निवासी का हाथ बताया। इसके अलावा इन लोगों पर वर्ष 2014 में साईबर हमले द्वारा सोनी पिक्चरस को नुकसान पहुंचाने का मामला भी शामिल किया गया। सूत्रों के अनुसार ये आरोपी नई तकनीकों का प्रयोग करके राज्यों में ठगी के बड़े मामलों में लिप्त बताए गए, आरोप में यह भी स्पष्ट किया गया कि पिछले दिनों इन लोगों ने पूरी दुनिया के प्रमुख बैंकों से लगभग 1.2 बिलीयन डॉलर की कुल राशि चुराई या इसके विनिमय में घपला किया। मामले की गहन जांच चल रही है और इसके पूर्ण होने के पश्चात ही आरोपियों की विस्तृत जानकारी और उनके द्वारा किए गए कुल घोटालों को उजागर किया जाएगा।
उत्तर कोरिया के साइबर हैकरों को बाधित करने के लिए रूस तथा चीन को कार्रवाई करने चाहिए। सहायक अटॉर्नी जनरल जॉन डिमर्स ने बुधवार को कहा, ”अभी अमेरिका ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उ. कोरिया के अपराध को बाधित किया है। रूस तथा चीन के साथ ही साथ उन देशों जिनकी संस्थाएं तथा नागरिक उत्तर कोरिया में राजस्व-सृजन के प्रयास में भूमिका निभाते हैं को भी कार्रवाई करनी चाहिए।ÓÓ इससे पहले न्याय विभाग ने बुधवार को उ. कोरियाई तीन हैकरों के खिलाफ आरोपों की घोषणा की थी, जिन्होंने बैंकों और व्यवसायों से 1.3 अरब डॉलर की चोरी करने के लिए दुनियाभर में साइबर हमले किए थे। जॉन चांग ह्योक, किम इल और पार्क जिन ह्योक नाम के ये हैकर उ. कोरिया की खुफिया एजेंसी टोही जनरल ब्यूरो के सदस्य हैं।

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