सभी स्कूलों के बोर्ड प्रति सप्ताह कम से कम पांच प्रतिशत लक्षणहीन टेस्टींग का प्रबंध करें : लीस

टोरंटो। शिक्षामंत्री स्टीफन लीस ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि जल्द ही सभी स्कूलों के बोर्ड लक्षणहीन टेस्टींग का प्रबंध करेंगे, इसके अंतर्गत प्रत्येक बोर्ड को कम से कम हर हफ्ते पांच प्रतिशत टेस्टींग करवानी होगी और इसकी रिपोर्ट मंत्रालय में जमा करवानी होगी। उन्होंने आगे कहा कि इस समय अन्य प्रकार के वैरीएंट के कारण भी देश में बहुत अधिक संकट की स्थिति बनी हुई हैं और सावधानी बनाएं रखना बहुत ही आवश्यक हो गया हैं, कोई भी लापरवाही किसी बड़े संकट का कारण बन सकती हैं। लीस ने यह भी माना कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि टेस्टींग ही इससे बचने का सबसे कारगर उपाय हैं और इसे अपनाकर ही हम कोविड-19 के अन्य प्रकारों पर भी नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने भी घोषित कर दिया हैं कि आगामी 22 फरवरी से सभी विदेश भ्रमण करने वालों या प्रवासियों आदि को क्वरंटीन करना अनिवार्य होगा। शिक्षा मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि लक्षणहीन टेस्टींग के लिए प्रस्तावित योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के अंतर्गत सभी स्कूलों में पढ़ने वालें छात्र-छात्राओं और स्कूल स्टाफ को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। इसके लिए सबसे पहले सभी छात्रों व स्कूल प्रशासन को इस बात की सुनिश्चितता का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा कि इस प्रकार से टेस्टींग की गतिविधि को बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक संख्या में प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे। सूत्रों के अनुसार वर्ष 2021 में इस प्रकार की लक्षण रहीत कोविड की टेस्टींग के लिए देश में पहला प्रयास आरंभ होगा। ज्ञात हो कि सरकार ने इससे पूर्व भी टेस्टींग संबंधी अपने वादे को एक सप्ताह में पूरा कर देंगे, सूत्रों के अनुसार सरकार ने इससे पूर्व भी अपने टेस्टींग लक्ष्यों को पूरा किया था, जिसमें एक सप्ताह में 50,000 टेस्टींग का लक्ष्य रखा गया था। शिक्षा मंत्रालय की घोषणा के अनुसार टेस्टींग सुविधाओं के लिए राज्य के आठ प्रख्यात स्कूलों को चुना गया हैं जहां बढ़ी संख्या में टेस्टींग की सुविधा को आरंभ किया जाएगा। इस स्थापना में साधारण टेस्टींग के साथ साथ लक्षणहीन संक्रमण की टेस्टींग को भी शामिल किया गया हैं। देश में फैल रहे अनेक प्रकार के कोविड-19 संक्रमण के कारण देश में भी इस बीमारी को लेकर बहुत अधिक भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं और अब ये आधा-अधूरा ज्ञान आपके ऊपर भी भारी पड़ने वाला हैं, यदि आप इन भ्रांतियों को मानते हुए सरकारी कार्यवाही में अपना सहयोग नहीं देगें।

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