जॉर्डन प्रिंसिपल केंद्र सरकार से 15 बिलीयन डॉलर की स्थाई मदद चाहते हैं : पीबीओ

औटवा — संसदीय बजट कार्यालय (पीबीओ) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया कि देश के फर्स्ट नेशनस परिवार व बाल कल्याण संस्था पिछले दिनों महामारी काल के कारण बाल कल्याण सेवाओं में हुई देरी के कारण अधूरी पड़ी कई योजनाओं को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार से 15 बिलीयन डॉलर की वित्तीय सहायता की मांग कर सकते हैं। बजट कार्यालय द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष भी सरकारी लाभ प्राप्त करने वाले हजारों बच्चे, अभिभावक और ग्रैंडपैरेंटस इससे जुड़ेगे, जोकि लगभग प्रत्येक को 40,000 डॉलर के भुगतान के लिए अनुमोदित किया गया हैं। जॉर्डनस प्रिंसीपल का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार पहले ही बहुत अधिक विलंभ कर चुकी हैं जिसके कारण फर्स्ट नेशनस परिवारों और बच्चों की कल्याणकारी योजनाएं अटकी हुई हैं और यदि इन्हें समय पर मदद नहीं मिली तो इसके लिए कोर्ट का सहारा भी लिया जा सकता हैं। ज्ञात हो कि इस बारे में कैनेडियन मानव अधिकार ट्रिब्यूनल ने भी केंद्र सरकार को लिखित नोटिस जारी करते हुए कहा कि वित्तीय मदद में देरी के कारण को हल करते हुए इसे जल्द ही पारित किया जाएं जिससे परेशानी का सामना झेल रहे इन परिवारों और बच्चों को सुचारु मदद मिल सके। सूत्रों के अनुसार इस लाभ को प्राप्त करने के लिए लगभग 13,000 बच्चे सूचीबद्ध हैं जिन्हें सरकार से वित्तीय मदद मिलेगी और उनके दावे पारित होने के पश्चात भी अभी तक उन्हें किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता नहीं मिल पाई हैं। ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में यह भी कहा कि सितम्बर 2019 में फर्स्ट नेशनस परिवारों के बच्चों को 40,000 डॉलर तक पारित किए गए थे जो वर्ष 2006 से अपने घरों से अलग हो गए थे। वर्तमान स्थिति को समझते हुए इस वर्ष भी सहायता राशि को बढ़ाया नहीं गया हैं और सरकार से उतनी राशि ही पुन: जारी करने के लिए कहा जा रहा हैं। जानकारों के अनुसार इस वर्ष भी सहायता पाने वाले लगभग 54,000 बच्चें इसी प्रतीक्षा में अपनी सहायता राशि मे बैठे हैं।

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