वेन्स की जांच को रद्द करने के बयान पर भड़का विपक्ष
औटवा। एक बार फिर से कैनेडियन राजनीति में सत्ता पक्ष और विपक्ष के मध्य गहरा विवाद छाता जा रहा हैं। सूत्रों के अनुसार गत दिनों संसदीय कमेटी की सभा में पीएमओं के सदस्यों द्वारा प्रार्थी कैटी टेलफॉर्ड की याचिका को बिना कोई नोटिस दिए रद्द करने पर विपक्ष बहुत अधिक गुस्सा हो गया हैं। कंसरवेटिवस प्रमुख ओटूले ने अपने बयान में कहा कि हाऊस ऑफ कोमनस की रक्षा कमेटी द्वारा प्रधानमंत्री की जांच को पारदर्शी बताते हुए टेलफॉर्ड की याचिका को रद्द कर देना इस बात का प्रमाण दे रहा हैं कि इसमें अवश्य ही कोई गहरा राज छुपा हुआ हैं, जिसे दबाया जा रहा हैं। ज्ञात हो कि रक्षा मंत्रालय की पूर्व सहायिका कैटी टेलफॉर्ड ने पूर्व जनरल जॉनाथन वेन्स पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिस पर विपक्ष ने कहा था कि इन सब बातों की जानकारी के बावजूद केंद्रीय रक्षामंत्री और प्रधानमंत्री ने जनरल जॉनाथन को वरिष्ठ पद पर कार्य करते रहने दिया और कोई कार्यवाही नहीं की इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए। ओटूले ने आगे कहा कि इस प्रकार से दाखिल नोटिस को स्थगित कर देना यह साबित कर रहा हैं कि मामले के लिए केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया और इसे बीच में ही बिना कोई हल निकाले बंद कर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि पीएमओ के पिछले बयान पर भी सवाल उठ रहे हैं जिसमें पीएमओ ने कहा था कि मामले की गत तीन वर्षों से जांच चल रही हैं और दोषियों को अवश्य ही सजा दी जाएंगी। रक्षा मंत्रालय ने भी कहा था कि गत तीन वर्ष पूर्व सैन्य लोकपाल गैरी वालबोरन ने इस मामले को कैनेडियन सैन्य कमेटी के सामने रखा था जिसके पश्चात रक्षामंत्री हरजीत सज्जन ने इसकी जांच के आदेश पारित कर दिए थे। गत दिनों प्रधानमंत्री ट्रुडो ने भी अपनी सफाई में कहा था कि जांच कमेटी में न तो कोई भी पीएमओ का सदस्य शामिल हैं और न ही रक्षा मंत्रालय का सदस्य इसमें मिलाया गया हैं जिससे जांच की पारदर्शिता बनी रहें। सैन्य लोकपाल ने गत वर्ष 2018 में ही रक्षामंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वे जनरल वेन्स को बचाने का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि उस समय वेन्स अपने पद पर आसीन थे और इस प्रकार की घटना सामने आने से सरकार की छवि खराब हो जाती कि सरकार ने इस प्रकार के अधिकारियों की नियुक्ति कैनेडियन सेना में की हैं, इसलिए रक्षामंत्री इस बात को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। मामले की जांच को अचानक रोक दिए जाने पर एनडीपी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी हैं, उनके अनुसार कोई भी जांच बिना पूरी किए इस प्रकार नहीं रोकनी चाहिए, इससे देश का धन व समय दोनों खराब होता हैं। जानकारों के अनुसार विपक्ष इस बात पर चुप नहीं बैठने वाला और वे कैनेडियन संसद में अपने पक्ष में अधिक सांसदों को एकत्र करने की योजना बना रहा हैं जिससे इस मामले को दबाया नहीं जा सके और इस केस के साथ-साथ केंद्र सरकार को भी पूरी तरह से घेरा जा सके। पूर्व सैन्य अधिकारी जोनाथन वेन्स पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर एक बार फिर से विपक्ष अपनी कार्ययोजना तैयार करने में लग गया हैं। पिछले दिनों दिए अपने संदेश में टोरीज ने स्पष्ट रुप से कहा कि वेन्स के ऊपर चल रहे केस की विस्तृत सुनवाई होनी चाहिए जिससे इस मामले से जुड़े प्रत्येक दोषी को सार्वजनिक रुप से पेश किया जा सके और इस बारे में जनता को भी पता चल सके कि देश के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी के साथ-साथ अन्य कई वरिष्ठ दोषियों को भी पता चल सके।
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