कैनेडियन सेना में वैक्सीनेशन को लेकर एक बार फिर से केंद्र घिरा विवादों में

औटवा। केंद्र सरकार एक बार फिर से विशेषज्ञों और विपक्ष के प्रश्नों के घेरे में फंसती नजर आ रही हैं, इस बार कैनेडियन सेना के जनरल द्वारा सैनिकों की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रबंधों पर सवाल उठाने से केंद्र सरकार ने पुन: विवाद उठ रहा हैं। ज्ञात हो कि रक्षा मंत्रालय की घोषणा के बावजूद अभी तक कैनेडा के कोविड-19 वेक्सीनेशन प्रसार में कोई भी कार्यवाही नहीं किए जाने पर मेजर जनरल डैनी फॉरटीन ने कहा कि पूरे देश में वैक्सीनेशन आरंभ कर दिया गया हैं, परंतु अभी तक कैनेडियन सेना में इसके लिए कोई भी स्थाई गतिविधि को अंजाम नहीं दिया गया हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय और रक्षा मंत्रालय के कार्यालय द्वारा इस मामले पर कोई भी ताजा रिपोर्ट देने से इंकार किए जाने पर यह सवाल उठाएं जा रहे हैं कि देश की सुरक्षा के लिए क्या सरकार का कोई भी दायित्व नहीं उठता। केंद्र सरकार गत वर्ष नवम्बर से वैक्सीन का प्रचार कर रही हैं और यह माना जा रहा है कि जल्द ही आधे कैनेडियनस को यह डोज दे दी जाएंगी, परंतु अभी तक इसका वितरण सैन्य विभागों में क्यों नहीं किया गया? वहीं विपक्षी पार्टी कंसरवेटिव के रक्षा समीक्षक जैम्स बेजान ने बताया कि केंद्र सरकार पहले से ही सेना में यौन उत्पीड़न के दोषी को बचाने का प्रयास कर रही हैं और उसके बावजूद अब इस प्रकार की भेदभाव की नीति के सामने आने से यह स्पष्ट होता है कि सरकार देश की व्यवस्था को संभालने के बजाएं उसे बिगाड़ रही हैं, जिसके लिए जनता को जल्द ही जवाब देना होगा। वहीं प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने अपनी सफाई में कहा कि कैनेडियन सेना में जो भी कार्यवाही चल रही हैं उसे अधिक रुप से सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, इससे देश की सुरक्षा पर खतरा मंडरा सकता हैं, सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों विवादों के कारण सेना के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफा देने की योजना बनाई हैं, वहीं सरकार ने वेन्स और मक्डोनाल्ड के साथ साथ उप-एडमीरल हैडन एडमुन्डसन आदि पर भी आपत्ति जनक कार्य के आरोप में निष्कासन के नोटिस जारी कर दिए हैं।

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