अमेरिका ने पाक के परमाणु हथियारों की निगरानी बढ़ाई

वाशिंगटन, पाकिस्तान को अमेरिका अलकायदा, उत्तर कोरिया और ईरान से कम खतरनाक नहीं मानता है। इसीलिए जहां वह इन तीनों की निगरानी पर लाखों डॉलर खर्च करता है, वहीं उसने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की निगरानी भी बढ़ा दी है।
वाशिंगटन पोस्ट अखबार ने गुप्त दस्तावेजों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां भारत के परमाणु कार्यक्रम की सुरक्षा पर भी ध्यान केंद्रित रखती हैं। हालांकि इसमें भारत के परमाणु कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है।
अमेरिका अपने विरोधियों पर निगरानी रखने के लिए 52.6 अरब डॉलर [करीब 3000 अरब रुपये] खर्च करता है। इनमें अलकायदा, उत्तर कोरिया और ईरान शामिल हैं। लेकिन गुप्त बजट के दस्तावेजों से यह बात सामने आई कि वह अपने मित्र देश पाकिस्तान पर भी निगरानी रख रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक इसके जरिए वह खुफिया एजेंसी सीआइए द्वारा नियुक्त पाकिस्तानी आतंकवाद निरोधी एजेंटों की वफादारी का आकलन करने का प्रयास कर रहा है। वाशिंगटन पोस्ट का कहना है कि उसे ये गुप्त दस्तावेज एडवर्ड स्नोडेन ने उपलब्ध कराए थे। आतंकवाद रोधी प्रयास में सहयोग देने को लेकर अमेरिका पिछले 12 वर्षो में पाकिस्तान को करीब 26 अरब डॉलर [करीब 1500 अरब रुपये] सहायता दे चुका है। एक अनुमान के अनुसार पाकिस्तान के पास करीब 120 परमाणु हथियार हैं। इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसने अपने परमाणु हथियारों की सुरक्षा के लिए व्यापक उपाय किए हैं।

 

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