ऑडिट में माना गया कि जेलों में उचित सेवाओं की भारी कमी  

ताजा ऑडिट रिपोर्ट में यह स्पष्ट रुप से कहा गया कि केंद्रीय जेलों में कैदियों और वकीलों के मध्य विनिमय की कमी के कारण उचित सेवाएं नहीं प्रदान की जा रही हैं।

औटवा। पिछले दिनों केंद्रीय जेलों में करवाएं गए ऑडिट में यह स्पष्ट कर दिया गया हैं कि कैदियों को वे सेवाएं नहीं मिल पा रही, जिनकी उन्हें वर्तमान में आवश्यकता हैं। इस रिपोर्ट में यह स्पष्ट कहा गया कि केवल 10 प्रतिशत कैदियों और वकीलों के आपसी विनिमय केे कार्य को अंजाम दिया जाता हैं, करेक्शनल सर्विस ऑफ कैनेडा द्वारा किए गए इस ऑडिट में यह भी देखा गया कि कैदियों को मिलने वाली सेवाएं भी ऐसे प्रशिक्षुओं द्वारा दी जाती हैं जिन्हें स्वयं इसका उचित ज्ञान नहीं होता और ज्ञान की कमी के कारण वे कैदियों का उचित मार्ग दर्शन नहीं कर पाते। सरकार द्वारा ये सेवाएं तब प्रारंभ की गई थी जब यह देखा गया कि कैदियों को कानून नीतियों का ज्ञान नहीं होने के कारण वे अपने आपको चाहकर भी नहीं सुधार पा रहें, तभी ऐसी सेवाएं आरंभ करके उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता हैं, जिससे वे अपनी सुरक्षा के लिए सार्थक कार्यवाही को अंजाम दे सकें। ऑडिट में यह भी कहा गया कि कैदियों के साथ बहुत अधिक निम्न श्रेणी के व्यवहार के कारण उन्हें इस बारे में जागरुक तक नहीं करवाया जाता कि उनके द्वारा किए गए अपराध को सुधारने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकता हैं। सूत्रों का यह भी मानना है कि कैदियों को सैल फोन आदि के प्रयोग से भी वंचित किया जाता हैं जिससे वे वैश्विक कानूनी नीतियों के बारे में नहीं जान सके और इसके लिए वे हमेशा अपने वकीलों या न्यायिक अधिकारियों पर आश्रित रहें। ऑडिटरस का यह भी कहना है कि कैदियों के साथ इस प्रकार के अनुचित गतिविधियों को रोकने के लिए इससे पूर्व भी वर्ष 2017 में इसका पहला फेस चलाया गया था। जिसके पश्चात इसका दूसरा फेस वर्ष 2018 में आरंभ हुआ। ऑडिट रिपोर्ट में इन सभी कारणों को जल्द सुधारने के लिए उचित कदम उठाने की बात कहीं गई हैं और कैदियों को आधुनिक न्याय प्रणाली से जोड़ने के लिए जागरुकता को नए सिरे से आरंभ की बात को भी स्वीकारा गया हैं।

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