ब्रिटीश कोलम्बिया आवासीय स्कूल परिसर में मिली और 160 गैर-चिन्हित कब्रें : फर्स्ट नेशन
ब्रिटीश कोलम्बिया। राज्य में गैर-चिन्हित कब्रें मिलने का सिलसिला रुकता नजर नहीं आ रहा पिछले दिनों 715 कब्रें मिलने के पश्चात अब 160 नई गैर-चिन्हित कब्रें मिलने से दोबारा हड़कंप का माहौल बन गया हैं। पूर्व जज और विशेषज्ञ ने माना कि इस बार ये कब्रें वैनकुवर आईलैंड के आवासीय स्कूल में मिलना इस बात को स्पष्ट कर रहा हैं कि देश में कितने बड़े स्तर पर नस्लवाद का शिकार मासूम बच्चों को बनाया जाता था। अभी इस सूचना पर अन्य आदिवासी समुदायों ने अपनी टिप्पणियां नहीं जारी की हैं, वहीं ब्रिटीश कोलम्बिया की यूनिवर्सिटी के निदेशक मैरी ईलेन टरपेल – लेफॉन्ड ने कहा कि इस घटना के पश्चात कैनेडियन सरकार को इस प्रकार की खोज को और अधिक बढ़ा देना चाहिए और पूरे देश में स्थित सभी भारतीय आवासीय स्कूलों को इतिहास के अनुसार जांच करवानी चाहिए जिससे इससे संबंधित सभी पहलुओं पर खुलासा हो सके। गौरतलब है कि पिछले दिनों कमलूप्स इंडियन रेजीडेंशियल स्कूल के दस्तावेजों में कभी इसका जिक्र नहीं किया गया। बताया जाता है कि 19वीं सदी से 1970 के दशक तक फर्स्ट नेशन के 150,000 से अधिक बच्चों को उन्हें कैनेडियन समाज में अपनाने के कार्यक्रम के तौर पर सरकार के वित्त पोषण वाले ईसाई स्कूलों में पढ़ना होता था। उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तन के लिए विवश किया जाता और अपनी मातृ भाषा बोलने नहीं दी जाती थी। कई बच्चों को पीटा जाता था तथा उन्हें अपशब्द कहे जाते और ऐसा बताया जाता है कि उस दौरान 6,000 बच्चों की मौत हो गयी थी। ट्रुथ एंड रिकांसिलिएशन कमीशन ने पांच वर्ष पहले संस्थान में बच्चों के साथ हुए दुर्व्यवहार पर विस्तृत रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया गया कि दुर्व्यवहार एवं लापरवाही के कारण कम से कम 3200 बच्चों की मौत हो गई। इसमें बताया गया कि कैमलूप्स स्कूल में 1915 से 1963 के बीच कम से कम 51 मौत हुई थी। कैनेडियन सरकार ने 2008 में संसद में माफी मांगी थी और स्कूलों में शारीरिक तथा यौन शोषण की बात स्वीकार की थी। ब्रिटिश कोलंबिया के प्रमुख नेता जॉन होर्गन ने कहा कि इन शवों के मिलने के बारे में जानकर वह ”भयभीत” हैं और उनका ”दिल टूट गया है।” कमलूप्स स्कूल 1890 से 1969 तक संचालित हुआ था। काउसेस कैनेडा का एक मूल निवासी समुदाय है। काउसेस के प्रमुख कैडमस डेलोर्म ने बताया कि जमीन के अंदर की वस्तुओं का पता लगाने वाले रडार से मालूम चला है कि इलाके में कम से कम 751 शव दफन किए गए। रडार के संचालकों ने बताया कि इसके नतीजों में 10 प्रतिशत का अंतर हो सकता है। डेलोर्म ने कहा, ”हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जब हम आपको पूरी बात बताए तो वास्तविक संख्या से ज्यादा संख्या दिखाने की कोशिश न करें। मैं कहना चाहूंगा कि 751 से ज्यादा शव होने की आशंका है।” उन्होंने बताया कि तलाश चल रही है और आने वाले हफ्तों में संख्याओं की पुष्टि की जाएगी। डेलोर्म ने बताया कि एक वक्त में कब्रों पर नाम लिखे गए थे लेकिन इस स्कूल का संचालन करने वाले रोमन कैथोलिक गिरजाघर ने इन्हें हटा दिया।प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने ट्विटर पर कहा कि वह इस ताजा जानकारी से ”बहुत ज्यादा दु:खी” हैं। उन्होंने कहा, ”पूर्व मैरिएवल रेजीडेंशियल स्कूल में मूल निवासी समुदाय के बच्चों को दफन करने का पता चलने के बाद काउसेस फर्स्ट नेशन के लिए मेरा दिल बहुत दुखी है।”
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