बाइडन के साथ व्यापार, बॉर्डर, सहयोग और ओलम्पिक सोशर पर चर्चा की ट्रुडो ने
वाशिंगटन — जस्टीन ट्रुडो ओर जो बाइडन एक बार पुन: वर्चुअल रुप से मिले, सोमवार को हुई इस वार्ता के अंतर्गत पहली बार उत्तरी अमेरिका के दो देशों के प्रमुखों ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा की। कैनेडा और अमेरिका की इस वार्ता को बहुत अधिक महत्वपूर्ण समझा जा रहा हैं विशेष रुप से दोनों देशों द्वारा बंद बॉर्डरों को खोलने पर सहमति की भी आशा जताई जा रही हैं। ज्ञात हो कि जी 7 सम्मेलन के पश्चात बाइडन और ट्रुडो की यह दूसरी अधिकारिक रुप से वार्ता हुई जिसमें दोनों देशों ने भविष्य की योजनाओं पर खुलकर बातचीत की। इसके साथ साथ अमेरिकी विदेशमंत्री ने कैनेडा द्वारा ओलम्पिक में सोशर के सेमीफाइनल में शानदार जीत पर बधाई देते हुए कहा कि टीम ने कड़ी मेहनत की, इसके अलावा व्हाईट हाऊस द्वारा जारी रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि राष्ट्रपति बाइडन ने निजी रुप से ट्रुडो द्वारा भेजे गए मॉन्ट्रीयल स्मॉकड मीटस सेंडवीचस के लिए धन्यवाद दिया गया। परंतु अभी भी दोनों देशों के प्रमुखों ने माना कि बॉर्डरों को पूरी तरह से खोलना जोखिम भरा होगा, इसलिए पूर्ण वैक्सीनेशन वाले लोगों को बॉर्डर पार करने की अनुमति दी जाएंगी, इसके साथ साथ स्थाई निवासियों को अगले सप्ताह से आवा-जाही की अनुमति मिलने की संभावना हैं। दोनों नेताओं ने कोविड-19 के नए वैरिएंटस पर आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की और व्यापार बढ़ाने के लिए बॉर्डरों को खोलने की भी संभावना जताई। अमेरिका ने कैनेडा जाने वाली सभी उड़ानों पर से प्रतिबंध हटा दिया हैं और सभी हवाई सेवाएं सामान्य करने की भी घोषणा कर दी हैं।
अमेरिका के प्रैस सचिव जेन पास्की ने पत्रकारों को बताया कि अभी फिलहाल यह घोषणा केवल कैनेडा के लिए ही मान्य होगा दुनिया के अन्य देशों के लिए नहीं, उन्होंने यह भी बताया कि कैनेडा और अमेरिका के मध्य रोजगार को बढ़ाने के लिए बंद मिशीगन पाईपलाईन का कार्य पुन: खोलने पर भी चर्चा की गई, जिसे पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया था। दोनों देशों ने इस बात पर भी सहमति जताई कि इस पाईपलाईन परियोजना का कार्य प्राकृतिक मानकों को ध्यान में रखते हुए पूरा किया जाएगा। इन मानकों के निर्धारण के लिए आगामी 11 अगस्त को मीडियाटर की नियुक्ति की जाएंगी जिनसे वर्तमान में कैनेडियन क्षेत्रों में फैल रही जंगल की आग पर भी चर्चा होगी, बाइडन ने बिगड़ते प्राकृतिक हालातों पर गहरी चिंता जताई और कहा कि इससे बचना होगा और उचित पर्यावरण प्रबंधों के कारण ही आगे की परियोजनाओं को तैयार किया जाएंगा जिससे दोनों देशों की जनता को लाभ मिल सके और अन्य कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा का शिकार नहीं होना पड़े।
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