समावेशी विकास का नारा भारत के लिए नया नहीं: मोदी
कोल्लम, केरल, एजेंसी -कांग्रेस के समावेशी विकास के सिद्धांत पर जोर दिये जाने पर निशाना साधते हुए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि यह नारा देश के लिए नया नहीं है। आध्यात्मिक नेता माता अमतानंदामायी के 60वें जन्मदिन पर आयोजित समारोह के दौरान मोदी ने कहा कि देश को महाशक्ति के रूप में उभरने के लिए पारंपरिक मूल्यों एवं दार्शनिक सिद्धांत आधार हो सकता है। अमृतनंदामायी के अनुयायिओं समेत यहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि अब समावेशी विकास की बात की जा रही है़, लेकिन यह भारत के लिए नया नहीं है। सदियों से हमारे संत अपने संदेश में यह बात कहते रहे हैं। लोक संस्था सुखिनो भवंतु जैसे भारत के प्राचीन संतों के संदेश और इस सिद्धांत पर सरकार के मामलों को चलाने की शिक्षा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मेरा दृढ़ मत है कि अगर हम इन विचारों पर कायम रहे तब भारत आगे बढ़ सकता है और महाशक्ति बन सकता है। गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के इतिहास में ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं कि किस तरह से ऋषि-मुनियों ने इस सिद्धांत को आगे बढ़ाया। हाल के समय में इन विचारों पर स्वामी विवेकानंद और श्री अरविंदो जैसे आध्यात्मिक नेताओं और सुधारकों ने जोर दिया।
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