जम्मू में दोहरा फिदायीं हमला, अधिकारी सहित 12 की मौत

terrorists-attack-12-killedनई दिल्ली सेना की वर्दी पहने तीन आतंकवादियों ने जम्मू इलाके में एक पुलिस थाने और एक सैन्य शिविर को निशाना बनाते हुए दोहरा फिदायीं हमला किया, जिसमें एक थलसेना अधिकारी सहित 10 लोग मारे गए। आतंकवादी आज तडक़े सीमा पार से भारतीय क्षेत्र में दाखिल हुए थे। भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की मुलाकात से तीन दिन पहले इन हमलों को अंजाम दिया गया है।
माना जा रहा है कि हमलावर आतंकवादी पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य थे और ऑफिसर्स मेस में दाखिल होने के बाद कई घंटों तक सांबा में एक कैवेलरी आर्मर्ड इकाई के शिविर में छुपे रहे।
दिल्ली में थलसेना के अधिकारियों ने बताया कि तीनों आतंकवादियों को एक भीषण मुठभेड़ में मार गिराया गया है। उन्होंने बताया कि 16 से 19 साल की उम्र के तीनों आतंकवादियों के शव थलसेना के कब्जे में हैं।
अधिकारियों ने बताया कि 10 साल में जम्मू क्षेत्र में किसी रक्षा प्रतिष्ठान पर किया गया यह सबसे भयंकर हमला है। अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे कठुआ जिले के हीरानगर पुलिस थाने पर हुए आत्मघाती हमले में चार पुलिसकर्मी समेत छह लोगों की मौत हो गयी। इसके कुछ ही देर बाद सांबा के निकट सैन्य शिविर पर हुए ऐसे ही हमले में लेफ्टिनेंट कर्नल बिक्रमजीत सिंह समेत सेना के चार जवान शहीद हो गए।
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि शुरुआती सूचना के मुताबिक, आतंकवादी सीमा पार से आए थे । एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह ताजा घुसपैठ का मामला है और आतंकवादी संभवत: आज तडक़े अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार कर दाखिल हुए।
थलसेना शिविर पर हुए हमले में इकाई के कमांडिंग अधिकारी कर्नल ए उथैया सहित तीन लोग जख्मी हुए थे। कर्नल उथैया को पठानकोट के एक सैन्य अस्पताल की आईसीयू में भर्ती कराया गया है।
एक गुमनाम से आतंकवादी संगठन शोहदा ब्रिगेड ने हमले की जिम्मेदारी ली । खुद को इस संगठन का प्रवक्ता बताने वाले समी-उल-हक नाम के एक शख्स ने पीटीआई को फोन पर बताया कि हमने जम्मू क्षेत्र के कठुआ और सांबा में हमलों को अंजाम दिया है । उसने दावा किया कि वे स्थानीय लोग हैं।
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक :डीजीपी: अशोक प्रसाद ने कहा कि आतंकवादी अंतरराष्ट्रीय सीमा से बमुश्किल एक किलोमीटर की दूरी पर झंडी गांव में हरिया चक कब्रिस्तान से बंदूक की नोंक पर एक ऑटो में सवार हुए और ड्राइवर रोशन लाल से कहा कि वह अपनी गाड़ी हीरानगर के थलसेना शिविर की ओर ले चले।
पुलिस ने कहा कि शिविर का पता न लगा पाने पर आतंकवादियों ने सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर ग्रेनेड फेंक कर पुलिस थाने पर हमला किया जहां उन्होंने पहले गेट पर तैनात एक संतरी को मार डाला और फिर एएसआई रतन सिंह और एक विशेष पुलिस अधिकारी को मार डाला। थाने की दूसरी मंजिल पर आराम कर रहे एक कांस्टेबल को भी गोलियों से भून दिया गया।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर 29 सितंबर को न्यूयॉर्क में मिलने वाले हैं।
आतंकवादियों को पुलिस थाने पर छोड़ कर भागने के बाद ऑटो ड्राइवर ने पुलिस को सूचित किया कि उन्होंने बीती रात पुलिस द्वारा जब्त किए गए एक टेंपो ट्रक को अगवा करने से पहले सुरेश नाम के एक पीसीओ मालिक को भी गोलियों से भून दिया ।
टेंपो ड्राइवर को कहा गया कि वह हीरानगर पुलिस थाने से करीब 18 किलोमीटर दूर सांबा के थलसेना शिविर ले चले । आतंकवादियों ने कश्मीर घाटी के निवासी सफाईकर्मी मोहम्मद फिरोज की भी गोली मारकर हत्या कर दी।
जम्मू क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक राजेश कुमार ने कहा कि आतंकवादियों ने टेंपो छोड़ दिया और वहां से शायद किसी अन्य वाहन से सांबा के थलसेना शिविर पहुंचे, जहां उन्होंने सुरक्षा गेट पर तैनात जवानों पर अंधाधुंध गोलियां बरसायीं और परिसरों पर हमले किए।
आतंकवादी थलसेना मेस में घुस आए और गोलियां चलाने लगे। सैनिकों ने भी जवाबी कार्रवाई की और फिर दोनों तरफ से भीषण गोलीबारी होने लगी। थलसेना के जवान क्रैक कमांडो और त्वरित कार्रवाई टीमों के तौर पर शिविर के भीतर हरकत में आए। टीवी फुटेज में दिखाया गया है कि शिविर के भीतर टैंक आतंकवादियों की तलाश में थे।
थलसेना शिविर के भीतर से गोलियां चलने की आवाजें आ रही थीं। दो अधिकारियों को एक जख्मी शख्स को कंधे पर लेकर भागते दिखाया गया। एक अज्ञात शख्स ने टीवी चैनलों को बताया कि मैं एक ढाबे में था कि तभी तीन लोगों को मैंने देखा कि वे अंधाधुंध फायरिंग करते हुए शिविर में दाखिल हो रहे हैं। उन्होंने गेट खोला और दाखिल हो गए। पुलिस थाने पर हमले के पास के इलाके के निकट जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर कुछ देर के लिए यातायात रोक दिया गया था।
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमलों की निंदा करते हुए कहा कि आतंकवादियों का लक्ष्य भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के बीच होने वाली बातचीत को बाधित करना है। उमर ने श्रीनगर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कश्मीर में अमन-चैन के खिलाफ रहने वाली ताकतों को इस कायराना हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया।

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