सैलानियों पर हमले और आहत भारतीय पर्यटन
टोरंटो – ऐसी खबरें आपको हर रोज अखबार में दिख जाएंगी। भारत में विदेशी पर्यटकों के साथ छेडख़ानी, चोरी, हिंसा व बलात्कार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इससे जुड़ी ऐसोचैम की दो रिपोर्ट गौरतलब हैं। इनमें से पहली रिपोर्ट बताती है कि इस दुर्व्यवहार के चलते लगभग 70 फीसदी ब्रिटिश, अमेरिकी, आस्ट्रेलियाई और कैनेडा की महिला पर्यटकों ने भारत से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। अब इन पर्यटकों की प्राथमिकता थाइलैंड, मलयेशिया, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देश हैं। ऐसोचैम की एक दूसरी रिपोर्ट बताती है कि 35 फीसदी विदेशी महिलाएं और 25 फीसदी विदेशी पर्यटक सैर-सपाटे के लिए अब भारत नहीं आना चाहते। हालांकि केंद्रीय पर्यटन मंत्रलय ने ऐसोचैम की इस रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा कि 2012 में 60 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक भारत भ्रमण के लिए आए, जिनमें से 40 फीसदी महिलाएं थीं। पिछले दिनों फोर्ब्स ने टूरिम के मामले में दुनिया भर के देशों का सर्वे करवाया। इस सर्वे में साफ कहा गया है कि आज भारत पर्यटन फ्रेंडली देशों की सूची में आखिरी पायदान पर है। यह भी कहा जाता है कि भारत के दक्षिणी और पश्चिमी रायों के मुकाबले उत्तर के राय सांस्कृतिक पूर्वाग्रह से अधिक ग्रस्त हैं। यही कारण है कि उत्तर भारत के रायों में पर्यटकों के यौन उत्पीडऩ की घटनाएं अधिक होती हैं।
भारत की अर्थव्यवस्था में 17.3 फीसदी हिस्सेदारी पर्यटन की है। 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद दिसंबर व जनवरी 2009 में भारतीय पर्यटन उद्योग को दो अरब रुपयों से यादा का नुकसान उठाना पड़ा था। हमले के 24 घंटे के अंदर ही 50 फीसदी पर्यटक अपने देश लौट गए। पर्यटन मंत्रलय द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि 2010 में विदेशी पर्यटकों के आगमन में फिर से खूब वृद्घि हुई। पर दिसंबर 2012 में छेड़छाड़ के अलावा बलात्कार की कुछ चर्चित घटनाओं ने विदेशी पर्यटको का रुख दुनिया के अन्य हिस्सों की ओर मोड़ दिया। इसके अलावा आतंक की वारदात का असर भी पर्यटन पर दिखाई पड़ा। वैसे इस कमी का एक कारण दुनिया भर में छाई मंदी को भी माना जा रहा है।
मंदी दो तरह से पर्यटन पर असर डाल रही है। एक तो बहुत यादा पर्यटक दुनिया घूमने के लिए नहीं निकल रहे हैं। इसका असर सभी देशों पर पड़ा है। इस मंदी के चलते उन देशों में घूमना अब यादा महंगा नहीं रह गया है, जो पहले पर्यटन के लिहाज से महंगे समझे जाते थे। इसलिए भारत जैसे सस्ते पर्यटन स्थल पर आने वाले पर्यटक भी अब उन देशों की ओर ही रुख कर रहे हैं। भारत की छवि हमेशा से ही कोई बहुत यादा पर्यटक फ्रेंडली नहीं रही है, लेकिन कम लागत का पर्यटन लोगों को यहां खींचता रहा है। मंदी के कारण भारत अपनी यह खासियत खो बैठा है। पर्यटकों, खासकर महिला पर्यटकों से दुर्व्यवहार की खबरें भी लोगों को यहां आने से रोकती हैं।
Comments are closed.