London Attack : टोरंटो। मरयम अल-साबावी ने पत्रकारों को दिए साक्षात्कार में कहा कि आज भी उनके पास से गुजरने वाले ट्रकों से उन्हें डर लगता हैं कि कहीं इस ट्रक का चालक उस पर हमला नहीं कर दें, जैसे उसके मित्र पर दो वर्ष पूर्व एक ट्रक चालक ने केवल अपना गुस्सा उतारने के लिए जानलेवा हमला कर दिया था और उसके मित्र सहित उसका पूरा परिवार इस दुर्घटना का शिकार बन गए थे।
मरयम अल-साबावी घटना के समय 16 वर्ष की थी और कक्षा 11 में पढ़ती थी और उसकी मृतक मित्र युमना अफजल जिसके साथ उसके परिवार के तीनों सदस्यों को भी इस ट्रक हादसे का शिकार बनाया गया था उसके साथ थे, ज्ञात हो कि गत 6 जून, 2021 को हुई इस घटना ने केवल लंदन, ओंटेरियो को ही नहीं अपितु पूरे देश को हिलाकर रख दिया था और एक बार फिर से कैनेडा में इस्लामोफोबिया को लेकर चर्चा का विषय सभी को दे दिया था। कई मुस्लिम संगठनों ने इस हमले की घोर निंदा करते हुए कहा था कि यह हमला पूर्ण रुप से एक आतंकी हमला था, जिसमें विशेष रुप से मुस्लिम समुदाय के लोगों को ही अपना निशाना बनाया गया ।
अल-साबावी ने अपने साक्षात्कार में पत्रकारों को यह भी बताया कि इस हमले में केवल एक मुस्लिम परिवार के कुछ सदस्यों की नही बल्कि कई कौशल के अनुभवी बच्चों को भी देश से छीन लिया था जो आगे चलकर कई अहम पदों पर स्थापित होते और देश का गौरव और अधिक बढ़ाते। पुलिस के अनुसार इस हमले में सलमान अफजल का पूरा परिवार ही लगभग समाप्त हो गया था, जिसमें सलमान अफजल – 46 वर्ष, उसकी पत्नी मदीहा सलमान – 44 वर्ष, उनकी बेटी युमना – 15 वर्ष और उसकी दादी तलत अफजल 74 वर्ष की अकस्मात मौत हो गई थी, जबकि इस परिवार का एक नौ वर्षीय लड़का गंभीर रुप से घायल हो गया था और इसे तुरंत ही उपचार के लिए अस्पताल भेज दिया गया था। हमले के बाद पूरे देश में एक बार फिर से इस्लामोंभोबिया को बढ़ावा देने की बात को स्वीकारा गया था।
इस हमले की दूसरी बरसी पर सिटी द्वारा दिवंगतों की याद में एक श्रद्धांजली सभा का आयोजन किया गया, जिसमें उन पवित्र आत्माओं की अकस्मात मृत्यु पर उन्हें याद किया गया ओर संकल्प लिया गया कि पुन: देश में इस प्रकार की किसी भी घटना को प्रोत्साहित नहीं किया जाएंगा, जिससे भविष्य में कोई भी ऐसी घटना न घटे। अल-साबावी ने यह भी कहा कि इस समय पूरी दुनिया में मुस्लिम समुदाय के प्रति एक घृणा का माहौल व्याप्त किया जा रहा हैं, जोकि पूर्णत: अनुचित हैं, इसे रोकना होगा और परस्पर मिलकर इस समस्या का हल निकालना होगा। जिसमें लोगों को वास्तविकता से जोड़कर यहीं समझाना होगा कि सभी धर्मों का सम्मान ही देश के विकास में नई ऊंचाईयों को छू सकते हैं, सूत्रों के अनुसार जब उन्होंने लंदन में इस प्रकार की कोई घटना लगातार चल रही हैं, जिसके कारण से एक पूरा मुस्लिम परिवार समाप्त हो गया हैं, तो उन्हें बहुत बुरा लगा और वे तुरंत ही इसके संबंधित अपराधी को पकडऩे के लिए प्रयास कर रहे थे।
गौरतलब है कि उस दिन लंदन शहर में पैदल जा रहे मुस्लिम परिवार के पांच लोगों को आरोपी ने अपने वाहन से टक्कर मार दी। इस घटना में परिवार के चार लोगों की मौत हो गई थी जबकि एक व्यक्ति घायल था, घायल के इलाज के बाद उसे बचा लिया गया। घटना को लेकर कैनेडियन पुलिस ने इस संबंध में जानकारी दी, घटना को लेकर आरोप लगाया जा रहा है कि वाहन चालक ने परिवार को मुस्लिम होने के कारण निशाना बनाया था। ओंटारियो में पुलिस ने बताया था कि पीडि़तों में 74 वर्षीय महिला, 46 वर्षीय पुरूष, 44 वर्षीय महिला और 15 वर्षीय लड़की शामिल है, पुलिस के मुताबिक नौ साल का बच्चा गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
पुलिस ने यह भी बताया था कि परिवार ने नाम जाहिर नहीं करने का अनुरोध किया है, घटना को लेकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उस पर चार लोगों की हत्या का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस के अनुसार संदिग्ध नाथानील वेल्टमैन (20) ओंटारियो में लंदन का रहने वाला था और वह पीडि़तों को नहीं जानता था। पुलिस ने बताया कि वाहन ने एक मोड़ पर पीडि़तों को रौंद दिया। पुलिस ने बताया कि संदिग्ध को पास के एक मॉल के पार्किंग क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। लंदन पुलिस के प्रमुख स्टीफन विलियम्स ने कहा, ”हमारा मानना था कि पीडि़तों को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वे मुस्लिम थे, किसी भी समुदाय को नफरत की भावना से निशाना बनाया जाये तो समुदाय विशेषकर मुस्लिमों में डर और घबराहट पैदा हो सकती है।
ज्ञात हो कि बाद में पुलिस ने आरोपी के संदिग्ध रुप से मृत होने की भी पुष्टि व्यक्त की थी, इस घटना पर प्रधानमंत्री ट्रुडो ने अपने जारी बयान में इस घटना को पूर्णत: आतंकी घटना की संज्ञा दी थी। मामले की जांच से अभी भी पीडि़तों के परिजन व मित्र नाराज हैं और इसमें पारदर्शिता की कमी की शिकायत कर रहे हैं।
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