New York News : न्यूयॉर्क। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भ्रष्टाचार के मामले में कल पहली बार मैनहट्टन की अदालत में पेश हुए। ट्रंप इस बार भी राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव की दौड़ में शामिल हैं। उन पर अपनी संपत्ति को अरबों डॉलर तक बढ़ाने और धोखाधड़ी की सीमा पार करने का आरोप है। यह जानकारी स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह दिवानी मामला ट्रंप के चार आपराधिक अभियोगों से अलग है। इसमें वादी न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्स हैं। जेम्स ने कहा है, ‘चाहे आप कितने भी अमीर या शक्तिशाली क्यों न हों, इस देश में लोगों के लिए दो प्रकार के कानून नहीं हैं।’
इस सुनवाई में ट्रंप ने अभी अपना पक्ष नहीं रखा है। अदालत कक्ष के बाहर ट्रंप ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने अटॉर्नी जनरल इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, जेम्स उन्हें राजनीतिक नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। अटॉर्नी जनरल जेम्स ने मांग की है कि ट्रंप पर 250 मिलियन डॉलर तक का जुर्माना लगाया जाए और उन्हें न्यूयॉर्क में व्यवसाय चलाने से रोक दिया जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मुकदमे में ट्रंप, उनके बेटों और उनके पारिवारिक व्यवसाय पर बैंकों से अनुकूल ऋण शर्तों को सुरक्षित करने के लिए अपनी संपत्ति का मूल्य दो बिलियन डॉलर तक बढ़ाने का आरोप लगाया गया है। उल्लेखनीय है कि इस केस की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश पिछले सप्ताह इस केस में ट्रंप को दोषी ठहरा चुके हैं। यदि अदालत का फैसला कायम रहता है, तो ट्रंप को अपनी सबसे प्रसिद्ध न्यूयॉर्क की अचल संपत्ति में से कुछ को छोडऩा पड़ सकता है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि सोमवार को न्यूयॉर्क में शुरु हुआ सिविल फ्रॉड ट्रॉयल एक ”दिखावा” हैं, जिसके माध्यम से विपक्षी उन्हें किसी बड़े घोटाले में फंसाना चाहते हैं। उन्होंने इस मामले को लाने वाले राज्य के अटॉर्नी जनरल को ”हॉरर शो” बताया। साथ ही डोनाल्ड ट्रम्प ने मुकदमे को ‘घोटाला’ बताते हुए कहा कि प्रभारी न्यायाधीश एक ‘दुष्ट जज” हैं। जानकारों के अनुसार 21वीं सदी के इस दौर में समय का वो पड़ाव आ चुका हैं, जब अमेरिका के राष्ट्रपतियों के इतिहास में एक दाग लगने वाला हैं। लेकिन न्याय की यहीं मांग है और जिस कानून में सब बराबर हैं।
उसके मुताबिक ये सही भी हैं कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रम्प जिन आरोपों से घिरे हैं, उसके अनुसार वह आपराधिक मुकदमे का सामना करें, इसके लिए 4 अप्रैल 2023 की तिथि सुनिश्चित की गई थी, ट्रम्प ने मीडिया में अपनी महत्ता को बनाएं रखने के लिए संबंधितों को यह धमकी भी दी थी कि उन्हें छुड़ाने के लिए बड़ी संख्या में सैन्य अधिकारी और कर्मचारी एकत्र होंगे। उन्होंने मीडिया के समक्ष यह वादा भी किया था कि जब वह मैनहट्टन में आएंगे तो उनके समर्थक पुन: एकत्र होंगे और यदि परिस्थितियां सुलझी नहीं तो उनके समर्थक कोई भी बवाल कर सकते हैं, इस घोषणा के पश्चात और अधिक संख्या में एकत्र हो सकते हैं।
इस बारे में जानकारों का मानना है कि ट्रम्प का यह संदेश पिछली बार उनके चुनाव में हार जानेे के बाद ”कैपिटल हिल्स टू” में उनके समर्थकों द्वारा भारी हंगामा किया था, जोकि अमेरिकी इतिहास में एक बहुत बड़ा दाग हैं, ज्ञात हो कि इस बार भी ट्रम्प को भारी सैन्य बल के मध्य सुरक्षित रुप से कोर्ट में पेश करने का दबाव पुलिस पर बना हुआ हैं।
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