वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा यूपीए के 2004 से 2014 तक के कार्यकाल में आर्थिक कुप्रबंधन पर एक श्वेत पत्र पेश किया है. लोकसभा में कल 12 बजे चर्चा का समय व्हाइट पेपर के मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रस्तावित है. बीजेपी की तरफ से सुनीता दुग्गल, तेजस्वी सूर्या, निशिकांत दुबे, जयंत सिन्हा समेत अन्य सांसद इस श्वेत पत्र पर अपनी बात रखेंगे. इस श्वेत पत्र में सिलसिलावर तरीके से 2004 से 2014 के दौरान यूपीए सरकार की आर्थिक नीतियों में मौजूद रहीं खामियों का जिक्र है. इन खामियों की जगह क्या करना चाहिए था, इस बात का भी जिक्र इस श्वेत पत्र में है.
इसके बाद 2014 से 2024 तक मोदी सरकार के कार्यकाल में आर्थिक नीतियां किस तरीके से लागू की गईं, इस बात को संसद में बताया जाएगा. इसके बाद इस श्वेत पत्र पर चर्चा का समय भी प्रस्तावित है. पीएम मोदी की सरकार ने वर्ष 2014 से पहले अर्थव्यवस्था के ‘कुप्रबंधन’ के बारे में इस श्वेत पत्र को संसद में रखा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में पहली बार सरकार 2014 में ही बनी थी. उसके पहले लगातार 10 वर्षों यानी 2004-14 तक मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली सरकार रही थी. मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल भी अब जल्द खत्म होने वाला है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते हुए इस कुप्रबंधन पर श्वेत पत्र लाने की जानकारी दी थी. सीतारमण ने कहा था कि ‘सरकार अर्थव्यवस्था के बारे में सदन के पटल पर श्वेत पत्र पेश करेगी, ताकि ये पता चल सके कि वर्ष 2014 तक हम कहां थे और अब कहां हैं. इस श्वेत पत्र का मकसद उन वर्षों के कुप्रबंधन से सबक सीखना है.’
वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि वर्ष 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद सरकार संकटों से निपटने में सफल रही और अब अर्थव्यवस्था सर्वांगीण विकास के साथ उच्च वृद्धि की राह पर अग्रसर है. उन्होंने कहा था कि ‘2014 में अर्थव्यवस्था को चरणबद्ध ढंग से दुरुस्त करने और शासन प्रणाली को सही राह पर लाने की बड़ी जिम्मेदारी थी. समय की मांग थी कि लोगों की उम्मीदें जगें, निवेश आकर्षित किया जाए और जरूरी सुधारों के लिए समर्थन जुटाया जाए. ऐसे समय में सरकार ने ‘राष्ट्र प्रथम’ के मजबूत विश्वास के साथ इसे सफलतापूर्वक हासिल किया.’
News Source : News18 Hindi
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