प्रधानमंत्री ट्रुडो के समर्थन में सामने आएं ब्रैम्पटन के सांसद
Brampton MPs come out in support of Prime Minister Trudeau
ब्रैम्पटन। गत सप्ताह सेंट. पॉल उपचुनाव में लिबरल पार्टी की हार ने सभी को चैंका कर रखा दिया हैं। पार्टी सूत्रों का मानना है कि यह सीट सभी के लिए बहुत खास थी और पिछले कई दशकों से लगातार लिबरल उम्मीदवार ही इस सीट से जीतता रहा हैं, वहीं जानकारों का यह भी मानना है कि इस चुनाव परिणाम से आगामी आम चुनावों पर भी असर पड़ सकता हैं, जनता के मन में अब लिबरल के प्रति उतना अधिक उत्साह नहीं रहा, जितना गत 10 वर्षों में दिखा था।
गत 1993 से सेंट. पॉल की सीट से नियमित जीतने वाली लिबरल पार्टी इस बार हार गई, इससे पार्टी के आंतरिक सूत्रों के अनुसार पार्टी नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठाएं जा रहे हैं, लेकिन अटकलों को समाप्त करते हुए कहा गया कि अभी भी लिबरल सांसदों की पहली पसंद प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ही हैं। इस बार के चुनाव में पीयरे पॉइलीव्रे की पार्टी के उम्मीदवार ने भारी अंतर से अपने निकटतम लिबरल उम्मीदवार को इस सीट से हराया।
मंगलवार को चिंगाउसी पार्क में इस संबंध में ब्रैम्पटन सेंटर के सांसद शफाकत अली और ब्रैम्पटन नॉर्थ की सांसद रुबी सहोता लिरबल के केंद्रीय नेतृत्व संबंधी अधिकारिक घोषणाएं की। इस जोड़े ने माना कि अगले चुनाव के लिए भी लिबरल पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रुप में जस्टीन ट्रुडो ही सर्वोपरि हैं, इसमें कोई दो राय नहीं, हमें अभी भी विश्वास है कि पूरे देश की जनता उन्हें ही अगले प्रधानमंत्री के रुप में देख रही हैं, एक क्षेत्र की हार की जिम्मेदारी उन पर नहीं दी जा सकती।
केंद्रीय चुनाव में पूरे देश की जनता केंद्र सरकार के कार्यों की समीक्षा करती हैं और इसके लिए हम प्रधानमंत्री के अलावा किसी अन्य पर कोई विश्वास नहीं कर सकते। मीडिया में फैली खबरों के अनुसार कैनेडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो को चुनाव से पहले एक बड़ा झटका लगा हैं। सेंट. पॉल में हुए उपचुनाव में ट्रुडो की लिबरल पार्टी को कंजर्वेटिव के हाथों हार का सामना करना पड़ा हैं। हार के बाद ट्रुडो लिबरल पार्टी का नेतृत्व करने और जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए कड़ी मेहनत करने की कसम खाई हैं।
मंगलवार को कंजर्वेटिव उम्मीदवार डॉन स्टीवर्ट ने 42 फीसद वोट हासिल कर सेंट. पॉल सीट पर कब्जा कर लिया हैं। जबकि लिबरल पार्टी के लेस्ली चर्च को करीब 40 फीसद वोट मिले। लेस्ली चर्च पार्लियामेंट हिल के पूर्व कर्मचारी और वकील है। साथ ही लिबरल पार्टी से लंबे समय से जुड़े हैं।
विकास में सराहनीय कार्य
ज्ञात हो कि कारोलयन पिछले 25 वर्षों से इस क्षेत्र के विकास में सराहनीय कार्य कर रहे थे, जिसके कारण हर चुनाव में जनता पहले ही उन्हें चुन लेती थी और उनके उम्मीदवार के साथ मददान प्रतिक्रिया केवल एक औपचारिकता रह जाती थी। लेकिन इस बार उनके स्वयं के पद से इस्तीफा देने के बाद अब इस सीट पर लिबरल और कंसरवेटिवस की बराबर की टक्कर हो सकती हैं, जिसके संबंध में कोई भी परिणाम नहीं कहा जा सकता, जो जनता लिबरल सदस्य कारोलयन बीनेट के कार्यों की दीवानी थी, वे अब टोरीज के कार्यों की भी प्रशंसा कर रही हैं, लकिन यह अवश्य माना जा रहा है कि इस चुनाव के बाद भी जो भी पार्टी जीते क्षेत्र का प्यार कारोलयन के प्रति कभी कम नहीं होगा।
क्षेत्र के लोगों का यह भी कहना है कि इस बार लिबरल उम्मीदवार लैसली चर्च भी एक प्रबल दांवेदार हें जिसके लिए स्वयं केंद्रीय वित्तमंत्री क्रिस्टीया फ्रीलैंड प्रचार कर रही हैं, लेकिन वही दूसरी ओर कंसरवेटिव पार्टी की ओर से इस चुनाव में खड़े उम्मीदवार डॉन स्टेवर्ट भी क्षेत्रवासियों को प्रभावित करने में बहुत अच्छी भूमिका निभा रही हैं।
लिबरल्स का 30 सालों से ज्यादा से कब्जा था
टोरंटो सेंट. पॉल सीट पर लिबरल्स का 30 सालों से ज्यादा से कब्जा था। पार्टी का सबसे बुरा दौर 2011 में आया जब चुनाव में सिर्फ 34 लिबरल सांसद ही संसद में पहुंचे थे। इस समय भी ये सीट लिबरल के पास ही रही थी। 2021 के चुनाव में लिबरल पार्टी के उम्मीदवार ने टोरंटो सेंट. पॉल सीट पर 49 फीसद वोट लेकर जीत दर्ज की थी। इस समय लिबरल पार्टी के पास हाउस ऑफ कोमन्स की 338 में से 155 सीटे हैं।
प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने अपने बयान में कहा कि जनता इस समय भ्रमित हैं और वे हमेशा अच्छे कार्यों को देखकर ही वोट ड़ालती हैं, जिसके लिए उन्हें पूर्ण विश्वास है कि उनकी पार्टी ही अगले वर्ष होने वाले आम चुनावों में एक बार फिर से जीतकर सत्ता को प्राप्त करेगी।
जबकि जानकारों का मानना है कि यह लिबरल पार्टी को जनता द्वारा एक चेतावनी हैं और यदि वे अभी भी नहीं संभले तो भविष्य में उन्हें केंद्रीय सत्ता भी खोने का भय रहेगा। सहोता ने अपने कथन में कहा कि उन्हें पार्टी नेतृत्व की कोई चिंता नहीं उसके लिए प्रधानमंत्री ही सभी की पहली पसंद हैं, बस इस समय सभी पार्टी सदस्य जनता को लिरबलस के कार्यों की व्याख्या करने के लिए जुट जाएं, जिससे प्रभावित होकर वे पुन: केंद्रीय सत्ता पर अपना वर्चस्व स्थापित कर सके।
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