मां ने कहा, मेरे शब्द गलत थे: राहुल
अहमदाबाद, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को स्वीकार किया कि दोषी करार सांसदों व विधायकों को बचाने वाले अध्यादेश को फाड़ने के लिए जिन शब्दों का उन्होंने इस्तेमाल किया वे गलत थे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मेरी मां (कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी) ने मुझसे कहा कि जिन शब्दों का मैंने इस्तेमाल किया वे गलत थे। हो सकता है कि जो शब्द मैंने कहे वे कड़े रहे हों लेकिन मेरी भावना गलत नहीं थी। मैं युवा हूं..’।
अध्यादेश और इससे जुड़े विधेयक की राहुल की खुली भर्त्सना और अध्यादेश के खिलाफ बढ़ती जन भावना ने सरकार को अध्यादेश निरस्त करने के लिए मजबूर कर दिया। राहुल ने यह भी कहा कि सत्ता का विकेंद्रीकरण उनका मकसद है। किसी भी मुद्दे पर उन्हें अपनी राय रखने का अधिकार है। साथ ही दावा किया कि कांग्रेस पार्टी का बड़ा हिस्सा अध्यादेश वापस लेना चाहता था। कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन अध्यादेश का बचाव करना चाहते थे लेकिन उन्होंने कांग्रेस के आम कार्यकर्ता व जनता की भावना को उजागर करते हुए उसका विरोध किया। राहुल गांधी ने यहां भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के बारे में बोलने से बचते हुए संवाददाताओं से कहा कि अगला आम चुनाव कांग्रेस जीतेगी। यह रणनीतिक मामला है.. आप चुनाव के बाद देखेंगे। कांग्रेस का प्रचार अभियान अभी शुरू नहीं हुआ है। जब हमारा प्रचार अभियान शुरू होगा तो आप देखेंगे।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यह भी कहा कि वह देश की राजनीति में बदलाव व सत्ता के विकेंद्रीकरण पर काम कर रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने तीन दशक पहले युवा शक्ति को पहचानते हुए सत्ता का विकेंद्रीकरण कर पंचायती राज को मजबूत बनाया। उसी का परिणाम है कि आज पंचायतों के जरिये युवा नेता उभरकर सामने आ रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से लाए गए आरटीआइ, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा कानून सत्ता के विकेंद्रीकरण के ही भाग हैं।
राहुल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया के सामने यह स्वीकार किया कि गुजरात में कांग्रेस गुटबाजी के कारण चुनाव हारती है। उन्होंने कांग्रेस की विशेषता बताने के लिए सपा, बसपा जैसी पाटियों का नाम लेते हुए कहा कि इन दलों में एक या दो-तीन लोग सभी फैसले करते हैं जबकि कांग्रेस में 500 लोग फैसला करते हैं।
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