2 बिलीयन पौधारोपण का वादा नहीं निभा सका औटवा

Ottawa could not keep the promise of planting 2 billion trees

एनआरसीएएन ने अपनी ताजा रिपोर्ट में स्पष्ट कहा कि केंद्र सरकार बिना किसी सहयोग के अपने पिछले 2 बिलीयन पौधारोपण का वादा निभाने में असमर्थन रही

Ottawa could not keep the promise of planting 2 billion trees
Ottawa could not keep the promise of planting 2 billion trees

ओंटेरियो। केंद्र सरकार अपने तीसरे प्लांटिंग प्रोग्राम में भी अपने लक्ष्य से पीछे रही, इस बात की विस्तृत जानकारी देने के लिए नेचुरल रिर्सोसस कैनेडा द्वारा उपलब्ध करवाएं आंकड़ों में स्पष्ट किया गया, इस रिपोर्ट में बताया गया कि केंद्र सरकार ने अपने वार्षिक पौधारोपण कार्यक्रम में लक्ष्यों से बहुत अधिक दूरी बनाएं रखी, इसके अंतर्गत पिछले सीजन में केवल 46.6 मिलीयन पौधारोपण ही हो सका, जबकि औटवा का लक्ष्य 60 मिलीयन वृक्षों को लगाना था।

केंद्रीय प्राकृतिक संसाधन मंत्री जोनाथन विलकीनसन के प्रवक्ता ने मीडिया में दिए अपने बयान में कहा कि हमारी सरकार का मुख्य लक्ष्य 2030-31 में इस आंकड़े को प्राप्त करना हैं, जिसे हम अवश्य प्राप्त करेंगे, बीच के वर्षों में पौधारोपण में कमी या बढ़ोत्तरी तो सामान्य बात हैं, लेकिन हमारा लक्ष्य दो बिलीयन वृक्षों को पूरे देश में रोपित करना अवश्य पूरा होगा, जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सके।

किन्डी केटुराव ने यह भी कहा कि इस प्रकार से देश में हरियाली बढ़ाने का लक्ष्य केवल जलवायु परिवर्तन के प्रभाव में सुधार करना ही नहीं अपितु लोगों को बायोडायवरसिटी से सुधार और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करना भी हैं। अधिक वृक्षारोपण से नई नर्सरियों का निर्माण और विभिन्न प्रकार के बीजों को एकत्र करने में भी मदद मिलेगी, जिससे इससे संबंधित व्यापार को भी बहुत अधिक प्रोत्साहन मिलेगा।

उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2021 में प्राप्त आंकड़ों की तुलना में इस वर्ष संबंधित उद्यमों में वृद्धि हुई हैं, इसका मुख्य कारण सरकार द्वारा हरित क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करना बताया जा रहा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति कई बाहरी कारणों से नहीं कर पा रहें, जिसमें महामारी के कारण अर्थव्यवस्था का कमजोर होना, पर्यटन में कमी और संबंधित संसाधनों का समय से आपूर्ति नहीं होना प्रमुख हैं।

यहीं नहीं पिछले कुछ वर्षों में कैनेडा में जंगल की आग के कारण भी वानिकी क्षेत्रों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा हैं, जिसकी भरपाई अभी तक नहीं हो पाई हैं और स्थितियां सामान्य नहीं हुई हैं।

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