
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार जनवरी में देश की कमान संभाली और उसके बाद से ही वह अवैध प्रवासियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें डिपोर्ट कर रहे हैं. इसके साथ ही ट्रंप ने उन देशों पर भी भारी भरकम आयात शुल्क लगाया है, जो देश अमेरिकी उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाते हैं. इस बीच ट्रंप ने वेनेजुएला के आपराधिक गैंग के खिलाफ भी एक्शन लेना शुरू कर दिया है.
दरअसल, ट्रंप ने वेनेजुएला के एक गिरोह के 200 से अधिक कथित सदस्यों को अमेरिका से डिपोर्ट कर दिया है. इन सभी सदस्यों को वेनेजुएला न भेजकर अल साल्वाडोर देश भेजा गया है. जहां इन सभी सदस्यों को अल सल्वाडोर की उच्च सुरक्षा वाली सीकोड जेल में ले जाया गया है. जिसे दुनिया की सबसे खतरनाक और सुरक्षा वाली जेल माना जाता है. जहां से किसी कैदी का निकलना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है. वेनेजुएलन गैंग के सदस्यों के बारे में अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति ने खुद जानकारी दी है.
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वेनेजुएलन गैंग के सदस्यों को अल सल्वाडोर भेजे जाने की पुष्टि करते हुए राष्ट्रपति नायब बुकेले ने कहा कि, वेनेजुएला के आपराधिक संगठन, ट्रेन डी अरागुआ के पहले बैच के 238 सदस्यों को अल साल्वाडोर लाया गया है. इन सभी सदस्यों को एक साल के लिए आतंकवाद कारावास केंद्र, सीकोट (CECOT) में ट्रांसफर कर दिया गया है. अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने कहा कि अमेरिका इसके लिए काफी कम पैसों का भुगतान करेगा, लेकिन हमारे लिए यह काफी ज्यादा है.
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बता दें कि अल सल्वाडोर की सीकोट जेल को दुनिया की सबसे खतरनाक जेल माना जाता है. जहां कई देशों के खूंखार और खतरनाक अपराधी और आतंकियों को रखा गया है. अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले के मुताबिक, सरकार जीरो आइडलनेस कार्यक्रम चला रही है. इसके तहत 40,000 से ज्यादा कैदियों की मदद से देश की जेलों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. अमेरिकी ने जिन अपराधियों को अल सल्वाडोर भेजा है उनको सीकोट जेल में प्रोडक्शन के काम में लगाया जाएगा. इन जेलों की लागत प्रतिवर्ष 200 मिलियन डॉलर है.