लीबियाई प्रधानमंत्री को एक अज्ञात स्थान पर ले गए हैं बंधक
त्रिपोली,लीबिया में वर्ष 2011 में तानाशाह मुअम्मर कज्जाफी को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद अराजकता के नए हालात में बंदूकधारियों ने आज तडक़े त्रिपोली के एक होटल से प्रधानमंत्री अली जेदान का अपहरण कर लिया और उन्हें अज्ञात स्थान पर ले गये।
प्रधानमंत्री के अपहरण की यह घटना, अमेरिकी कमांडो द्वारा त्रिपोली में अलकायदा के संदिग्ध अबु अनेस अललिबी को पकडऩे और पूछताछ के लिए एक युद्धपोत पर ले जाने के पांच दिन बाद हुई है। अललिबी को पकडऩे के लिए अमेरिकी छापे पर लीबियाई सरकार ने गहरी नाराजगी जाहिर की थी और उसे इस मामले में शर्मिन्दगी का सामना भी करना पड़ा था।
सरकार ने अपनी वेबसाइट में एक संक्षिप्त बयान में कहा है परिवर्तनकारी सरकार के प्रमुख अली जेदान को अज्ञात कारणों से संभावित पूर्व विद्रोहियों का एक समूह अज्ञात स्थान पर ले गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि जेदान का अपहरण त्रिपोली के कोरीन्तिया होटल से किया गया जहां वह रहते हैं।
नाम जाहिर न करने के अनुरोध पर, होटल के एक कर्मचारी ने एएफपी को बताया कि गुरुवार की अलसुबह हथियार लिए हुए कई लोग होटल में घुसे। लेकिन हमें पता नहीं है कि क्या हुआ।
अललिबी को पकड़े जाने की निंदा करने और इसके लिए जेदान की सरकार को जिम्मेदार ठहराने वाले पूर्व विद्रोहियों के एक गुट ने कहा है कि उसने जेदान को गिरफ्तार किया है। अललिबी पूर्वी अफ्रीका में अमेरिकी दूतावास में वर्ष 1998 में दो बम विस्फोट करने के मामले में अभियुक्त है। जिस समय उसे पकड़ा गया, वह त्रिपोली में सडक़ के किनारे अपनी गाड़ी खड़ी कर रहा था।
रक्षा मंत्रालय और गह मंत्रालय को सैद्धांतिक तौर पर रिपोर्ट करने वाले ऑपरेशन्स सेल ऑफ लीबियन रिवोल्यूशनरीज ने फेसबुक पर कहा है कि अभियोजकों के आदेश पर उसने जेदान को पकड़ा है। गुट ने कहा है कि प्रधानमंत्री को सरकारी अभियोजक के आदेश पर लीबियाई दंड संहिता के तहत गिरफ्तार किया गया है। गुट के अनुसार, देश की सुरक्षा और वहां हुए अपराधों के सिलसिले में प्रधानमंत्री को पकड़ा गया है।
मंत्रिमंडल ने अपने फेसबुक पेज पर कहा है कि प्रधानमंत्री के लिए किसी तरह का गिरफ्तारी वारंट जारी होने या उन्हें मिली छूट खत्म किए जाने के बारे में मंत्रियों को जानकारी नहीं है।
ऑपरेशन्स सेल ऑफ लीबियन रिवोल्यूशनरीज ने अललिबी को पकडऩे के लिए अमेरिकी कमांडो के छापे पर गहरी नाराजगी जाहिर की थी। उसने मंगलवार को कहा था कि अपने लड़ाकों को उसने देश में अवैध तरीके से रह रहे विदेशियों का पता लगाने और उन्हें निकाल बाहर करने के लिए तैयार रहने को कहा है।
आज, सरकार के बयान में कहा गया है कि जेदान के अपहरण में पूर्व विद्रोहियों के दो गुटों लीबियन रिवोल्यूशनरीज की ऑपरेशन्स सेल और ब्रिगेड फॉर द फाइट अगेन्स्ट क्राइम का हाथ होने का संदेह है।
बयान में कहा गया है कि मंत्रिमंडल और लीबिया का शीर्ष राजनीतिक प्राधिकरण जनरल नेशनल कांग्रेस स्थिति से निपटने के प्रयास कर रहे हैं और नागरिकों से शांति बनाए रखने का आहवान किया गया है।
एक साल पहले प्रधानमंत्री बनाए गए जेदान ने मंगलवार को अमेरिकी छापे की निंदा करते हुए कहा था कि सभी लीबियाई नागरिकों के खिलाफ सुनवाई उनके अपने देश में ही होनी चाहिए।
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