अली जेदान के रहे हैं भारत के साथ बेहतर रिश्ते
नई दिल्ली,लीबिया के प्रधानमंत्री अली जेदान के भारत के साथ मजबूत रिश्ते रहे हैं। 62 वर्षीय जेदान उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उन्हें 1970 के दशक में भारत में लीबियाई दूतावास में राजदूत मोहम्मद यूसुफ अल मगारीयाफ के साथ नियुक्त किया गया था।
इन दोनों ने 1980 में नेशनल फ्रंट फॉर सालवेशन ऑफ लीबिया का गठन करने के लिए अपने पद छोड़ दिये थे। शहर की स्थानीय परिषद के सदस्य जेदान नये प्रधानमंत्री चुने गए थे। जेदान ने विद्रोहियों के लिए पश्चिमी देशों से समर्थन जुटाने में एक अहम भूमिका निभाई थी।
लीबिया के प्रधानमंत्री अली जेदान का आज तडक़े त्रिपोली में एक होटल से एक सशस्त्र समूह ने अपहरण कर लिया और उन्हें अज्ञात स्थान पर ले गया। सरकार और सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सरकार ने अपनी वेबसाइट में एक संक्षिप्त बयान में कहा है परिवर्तनकारी सरकार के प्रमुख अली जेदान को अज्ञात कारणों से संभावित पूर्व विद्रोहियों का एक समूह अज्ञात स्थान पर ले गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि जेदान का अपहरण त्रिपोली के कोरीन्तिया होटल से किया गया जहां वह रहते हैं।
पांच दिन पहले ही अमेरिकी कमांडो ने त्रिपोली से अलकायदा के एक वरिष्ठ नेता अबू अनेस अललिबी को पकड़ा और पूछताछ के लिए एक युद्धपोत पर ले गए। अललिबी पूर्वी अफ्रीका में अमेरिकी दूतावास में वर्ष 1998 में दो बम विस्फोट करने के मामले में अभियुक्त है।
जिस समय अललिबी को पकड़ा गया, वह त्रिपोली में सडक़ के किनारे अपनी गाड़ी खड़ी कर रहा था।
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