ब्रिटेन में तीन प्रवासी भारतीय सम्मानित, हिंदी को बढ़ावा देने के लिए मिला सम्मान

लंदन. ब्रिटेन में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए यहां तीन अप्रवासी भारतीयों और नॉटिंघम की एक संस्था को भारतीय उचायोग ने सम्मानित किया है।विश्व हिंदी दिवस 2013 के अवसर पर मंगलवार 19 मार्च की शाम भारतीय उचायुक्त जैमिनी भगवती ने इन लोगों को शील्ड, शॉल और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए। इस सम्मान से नवाजे जाने वालों में यॉर्क विश्वविद्यालय के महेन्द्र किशोर वर्मा, बर्मिंघम स्थित गीतांजलि बहुभाषी साहित्यिक सर्कल के अध्यक्ष डॉ. कृष्ण कुमार वर्मा, डॉ. कविता वाचक्नवी और नॉटिंघम स्थित कवियों एवं लेखकों की वैश्विक संस्था काव्य रंग शामिल है।
जॉन गिलक्राइस्ट यूके हिंदी शिक्षण सम्मान महेंद्र किशोर वर्मा को मिला। वहीं आईआईटी मद्रास से स्नातक डॉ. कृष्ण कुमार ने भारत में संस्कृत, हिंदी और दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए एक भावपूर्ण दलील देते हुए चेतावनी दी कि ऐसा नहीं करने पर आने वाले दिनों में भारत को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्हें डॉ. हरिवंश राय बचन यूके हिंदी साहित्य सम्मान दिया गया।
पत्रकारिता के लिए आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान से नवाजी गईं कविता वाचक्नवी ने भारतीय उचायोग को द्विभाषी वेबसाइट बनाने की सलाह दी।
काव्य रंग के अध्यक्ष जय वर्मा को हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए फ्रेडरिक पिनकाट यूके अवॉर्ड दिया गया। इनके अलावा उषा वर्मा और कृष्ण कन्हैया को उनकी पुस्तकों ‘सिम कार्ड तथा अन्य कहानियां’ और ‘किताब जिंदगी की’ के लिए नकद पुरस्कार दिया गया।
इस अवसर पर भगवती ने कहा कि हिंदी ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जा रही है और इसने काफी तरक्की की है। इंडिया हाउस में हुए इस पुरस्कार वितरण समारोह में उप उचायुक्त डॉ. वीरेंद्र पाल और उचायोग में मंत्री (समन्वय) एसएस सिद्धू भी उपस्थित थे।

 

You might also like

Comments are closed.