अमेरिका का संकट टला, कैनेडा को भी राहत
वाशिंगटन, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आर्थिक संकट को समाप्त करने के वास्ते ऋण सीमा बढ़ाने और सरकारी कार्यालयों में जारी बंदी को समाप्त करने के लिए संसद में लंबी बहस के बाद पारित विधेयक पर दोनों दलों के नेताओं का आभार जताते हुए आज इस पर हस्ताक्षर कर दिए। इस संकट के टलने से कैनेडा को भी राहत मिली है क्योंकि अमेरिकी शटडाउन से सबसे अधिक असर कैनेडा पर ही पडऩा था।
इससे पहले ओबामा ने संसद में विधेयक के पारित होने के बाद ह्वाइट हाउस के ब्रीफिंग रूम में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें खुशी है कि आर्थिक गतिरोध दूर करने के लिए ऋण सीमा बढाने तथा सरकारी कार्यालयों में जारी बंदी को समाप्त करने के वास्ते संसद ने विधेयक के प्रारूप पर जो सहमति व्यक्त की है, उससे न सिर्फ सरकारी कार्यालयों में फिर कामकाज सुचरू रूप से शुरु हो जाएगा, बल्कि आर्थिक स्तर पर जो संकट देश के समक्ष उत्पन्न हो रहा था वह भी खत्म हो जाएगा।
विधेयक पर करीब 11 घंटे बहस हुई और इस दौरान पक्ष तथा विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। लंबी बहस के बाद आखिर दोनों पार्टियां इस बात पर सहमत हो गई कि विश्व की सबसे बडी अर्थव्यवस्था को अब तक के सबसे बडे ऋण संकट से बचाने के लिए विधेयक को पारित किया जाना चाहिए।
अमेरिका के ऋण संकट पर करीब एक सप्ताह से जारी अनिश्चितता से पूरी दुनिया के बाजारों में उथल पुथल का माहौल था। विधेयक पारित होगा या नहीं, इसको लेकर वैश्विक बाजार में अनिश्चितता का माहौल था। इस विधेयक के पारित होने से समस्या का स्थायी समाधान नहीं हुआ है, लेकिन एक निश्चित अवधि के लिए संकट टल गया है।
अमेरिकी कोषागार ने चेतावनी दी थी कि 17 अक्टूबर के बाद उसके समक्ष भुगतान का संकट खडा हो जाएगा, लेकिन इससे ठीक एक दिन पहले संसद ने इस विधेयक को पारित करके देश को ऋण संकट से बचा लिया है। संसद में विधेयक के प्ररूप पर सहमति बनने के बाद सीनेट ने इसे18 के मुकाबले 81 मतों से पारित कर दिया।
सीनेट द्वारा विधेयक पारित करने के बाद ओबामा ने कहा कि अब हम अमेरिकी लोगों के सिर से अनिश्चितता और असहजता के बादल हटाने का काम शुरू कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनो में सरकार को काफी कुछ करना है, जिसमें पिछले कुछ सप्ताह के दौरान लोगों का खोया विश्वास हासिल करना भी शामिल है।
विपक्ष और सरकार के बीच ओबामा केयर को लेकर शुरू हुये विवाद के कारण 16 दिन से अमेरिका में आंशिक सरकारी बंदी जारी थी। साथ ही 17 अक्टूबर को सरकार की उधार लेने की सीमा भी समाप्त हो रही है, जिसे यदि नहीं बढाया जाता तो आर्थिक संकट गहरा सकता था।
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