अब तुर्की में समुद्र के अंदर चलेगी लोकल ट्रेन
इस्तांबुल , तुर्की ने दो महाद्वीपों एशिया और यूरोप को जोडऩे वाले दुनिया के पहले समुद्री रेल लिंक को खोलकर 100 वर्षों से भी ज्यादा पुराने सपने को सच कर दिखाया है। प्रधानमंत्री रीसेप तैयप एर्दोगिन ने इसके उद्घाटन के मौके पर कहा कि मैं अल्लाह से दुआ करता हूं कि यह रेल लिंक हमारे देश, इस्तांबुल और पूरी इंसानियत के लिये फायदेमंद साबित हो। एर्दोगिन पहले भी देश में ऐसी वृहत परियोजनाओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं।
बास्फोरस जलडरूमध्य से 60 मीटर नीचे निर्मित यह रेल सुरंग 13.6 किलोमीटर लंबी है। यह जलडरूमध्य काला सागर को मारमरा सागर से जोड़ता है। यह दुनिया की सबसे गहरी रेल सुरंग है। इसका निर्माण वर्ष 2005 में शुरू हुआ था और इसे चार वर्ष में पूरा कर लिया जाना था, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोजों की वजह से इसमें विलंब हो गया।
तुर्की के अधिकारियों ने उम्मीद जतायी है कि इस रेल लिंक में प्रतिदिन 15 लाख लोग यात्रा करेंगे जिससे इस्तांबुल को ट्रैफिक जाम से कुछ निजात मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि समुद्र के भीतर ट्यूब जैसी संरचना स्थापित करके इसे सुरंग का रूप दिया गया है।
परिवहन मंत्री बिनाली यिल्दीरिम ने इस रेल लिंक के भूकंप के प्रति संवेदनशील होने संबंधी आशंकाओं को खारिज करते हुये बताया कि यह सुरंग 9 तीव्रता के भूकंप को झेलने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि यह इस्तांबुल में सबसे सुरक्षित जगह है। यह भूकंप की आशंका वाला क्षेत्र है। सुरंग के ट्यूब को लचीले जोडों से जोड़ा गया है ताकि वे जबरदस्त झटकों को झेल सकें।
यह रेल लिंक उन परियोजनाओं में से एक है जिन्होंने अर्थव्यवस्था को तो मजबूती दी है, लेकिन इनके कारण देश की अवाम में काफी गुस्सा पैदा हो गया है। एर्दोगिन के विरोधी आरोप लगाते रहे हैं कि वह जनता की सहमति लिये बगैर शहर के बदलाव के काम में लगे हुये हैं।
गौरतलब है कि आटोमन सुल्तान अब्दुल मजीद ने लगभग 150 वर्ष पहले ऐसी सुरंग बनाने का प्रस्ताव रखा था। उनके उत्तराधिकारी अब्दुल हमीद ने वर्ष 1891 में इसका डिजाइन तैयार करवाया था, लेकिन इसे उस समय अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका।
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