भारत और कैनेडा ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे
ओटवा , भारत और कैनेडा ऊर्जा क्षेत्र में अपना सहयोग और अधिक बढ़ाएंगे। भारत के योजना आयोग के डिप्टी चेयरमैन मोंटेक सिंह आहलुवालिया और कैनेडा के नेचुरल रिर्सोसेज मंत्री जोए ओलिवर के बीच कैनेडा इंडिया मिनिस्टिरयल एनर्जी बातचीत के पहले दौर में इस संबंधी संभावनाओं को तलाशा गया।
इस क्षेत्र में सहयोग का ऐलान नवंबर, 2012 में भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कैनेडियन प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने किया था। इस बैठक के दौरान इस क्षेत्र में सहयोग के लिए नियम एवं शर्तों को तय करने पर बातचीत शुरू करने का फैसला हुआ ताकि तेल एवं प्राकृतिक गैस खोज एवं आपूर्ति के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाया जा सके।
मंत्री ओलिवर ने कहा कि भारत और कैनेडा में रणनीतिक करार में ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग मुख्य कारक है। कैनेडा में ऊर्जा के व्यापक संसाधन उपलब्ध है और भारत को अपने तेज विकास को बनाए रखने के लिए ऐसे ही संसाधनों की जरूरत है। कैनेडा भी नए बाजारों में शुरुआत कर रहा है और भारत में व्यापक क्षमताएं हैं।
वहीं आहलुवालिया ने कहा कि लंबी अवधि के विकास के लिए भारत को ऊर्जा के नए क्षेत्रों की जरूरत है। इस सहयोग से कैनेडा में भी नए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और दोनों देशों का आर्थिक विकास तेज होगा। कैनेडा में भारतीय निवेश बढ़ेगा और कैनेडियन कंपनियां भी भारत में निवेश बढ़ा सकेंगी। भारत इस समय दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा खपतकर्ता देश है और अगले 25 साल तक भारत को बिजली उत्पादन लगातार बढ़ाना होगा।
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