सुप्रीमकोर्ट ने कहा, नौकरशाहों का कार्यकाल निश्चित हो
नई दिल्ली, सुप्रीमकोर्ट ने नौकरशाहों को राजनीतिक दबाव से भारी राहत देते हुए गुरुवार को यह व्यवस्था दी कि उनके पदस्थापन में न्यूनतम कार्यकाल सुनिश्चित किया जाना चाहिए। कोर्ट की पीठ ने यह भी कहा कि निश्चित कार्यकाल होने से उनमें व्यावसायिकता, क्षमता और सुशासन को बढ़ावा मिलेगा। नौकरशाही के कामकाज में गिरावट का प्रमुख कारण राजनीतिक हस्तक्षेप है। कोर्ट ने केंद्र और राय सरकारों को यह भी निर्देश दिया कि लोकसेवकों को निश्चित कार्यकाल देने के लिए तीन महीने के भीतर आदेश पारित करना चाहिए। शीर्ष न्यायालय ने नौकरशाहों को यह भी अधकार दे दिया कि वेराजनीतिक आकाओं के जुबानी आदेश को फाइलों पर दर्ज करें ताकि किसी निर्णय के लिए उन्हें बाद में परेशान न किया जा सके। न्यायालय ने कहा कि जुबानी आदेश की रिकॉर्डिंग पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा और आम आदमी को सही जानकारी मिल सकेगी। न्यायाधीश के.एस. राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्वकैबिनेट सचिव टी एस आर सुब्रमणियन की जनहित याचिका पर यह व्यवस्था दी।
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