इसरो ने मंगल अभियान के तहत पहली प्रक्रिया की पूरी
चेन्नई,भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मार्स ऑर्बिटर अंतरिक्ष यान को कक्षा से बाहर निकालने की पहली प्रक्रिया पूरी कर ली है। मंगलयान को मंगलवार को प्रक्षेपित किया गया था। इसरो के प्रवक्ता ने कहा कि हमने यह प्रक्रिया रात 1 बजकर 17 मिनट पर शुरू की और मार्स ऑर्बिटर अंतरिक्ष यान को कक्षा से बाहर निकालने की पहली प्रक्रिया पूरी कर ली। अभी इसका विश्लेषण किया जा रहा है।
इसरो के सूत्रों ने बताया कि अंतरिक्ष एजेंसी ने इसे कक्षा से बाहर निकालने की पहली प्रक्रिया का अभ्यास बुधवार (कल) सुबह 5 बजकर 2 मिनट पर किया था।
मंगल अभियान के तहत इसे कक्षा से बाहर निकालने के संदर्भ में पांच प्रक्रियागत ऑपरेशन किए जाने निर्धारित हैं जिसकी गुरुवार (आज) से शुरुआत हो चुकी है।
दूसरी और तीसरी प्रक्रिया कल और शनिवार को होगी, ताकि मिशन के अधिकतम बिन्दू (एपोजी) को बढ़ाकर क्रमश: 40 हजार किलोमीटर और 71,650 किलोमीटर किया जा सके।
मंगल अभियान के तहत कक्षा से बाहर निकलने की चौथी और पांचवीं प्रक्रिया 11 और 16 नवंबर को होगी, जिसके तहत इसकी अधिकतम दूरी को बढ़ाकर क्रमश:1 लाख किलोमीटर और 1.92 लाख किलोमीटर किया जायेगा।
इसरो के पीएसएलवी सी 25 ने 1350 किलोग्राम के मंगलयान (मार्स ऑर्बिटर) को मंगलवार को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर दो बजकर 38 मिनट पर प्रक्षेपण के 44 मिनट बाद पथ्वी की कक्षा में भेज दिया था। इसके साथ 450 करोड़ रुपये के इस अभियान का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा हो गया था।
उपग्रह निगरारी प्रणाली की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटएन2वाईओडॉटकाम के अनुसार, एमओएम अंतरिक्ष यान ने सेंट्रल अफ्रीकी रिपब्लिक को पार किया है और सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर यह सूडान के ऊपर था।
भारतीय मार्स ऑर्बिटर की पृथ्वी से 273.5 किलोमीटर की सबसे करीबी दूरी (पेरीजी) और पृथ्वी से 28,746 किलोमीटर की अधितम दूरी (एपोजी) और इसका झुकाव कोण 19.2 डिग्री था।
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