पंजाबियों के दर्द को पर्दे पर जीवंत करेंगी दीपा मेहता
टोरंटो , वाटर, मिडनाइट चिल्ड्रेन, फायर जैसी चर्चित फिल्मों के लिए विख्यात दीपा मेहता अब लेकर आ रही हैं कामागाटा मारू यानी एक्सक्लूसन। यह फिल्म भारत और कैनेडाके बीच एक सची कहानी पर आधारित है।
फिल्म के लिए दीपा मेहता और उनकी टीम ने पूरी रिसर्च कर ली है। इसकी लोकेशन भी देख ली गई हैं पर लॉजिस्टिक फिल्म के निर्माण में देरी करवा रहा है।
हेमिल्टन मेहता प्रोडक्शन और अक्षय कुमार होम प्रोडक्शन के साथ यह फिल्म बनेगी। चंडीगढ़ में आयोजित लिटरेचर फेस्ट में पहुंची दीपा मेहता ने कहा कि इस मूवी के लिए थोड़ा समय लग सकता है।
दीपा मेहता ने बताया कि फिल्म के लिए जहाज और अन्य सामग्री तैयार करने में थोड़ा समय लगेगा। यह कहानी है उन पंजाबियों की जो कि कामागाटा मारू नाम के जहाज में सवार होकर कैनेडाजाते हैं लेकिन उनको उतरने नहीं दिया जाता। इनको पंजाब के बिजनेसमैन गुरदित सिंह हेड करते हैं।
इस फिल्म की स्क्रिप्ट पूरी हो चुकी है। इसमें 376 यात्रियों को वादा किए गए जमीन पर देना शामिल होता है। कैनेडामें एंट्री बैन होने की वजह से कई लोग भूखे मर जाते हैं तो कई मारे जाते हैं।
दीपा मेहता ने होटल ताज में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वे पंजाबी हैं, इसलिए उन्हे पंजाब से प्यार है।
मिडनाइट चिल्ड्रेन बनाते समय रश्दी की हर बात मानी थी
दीपा मेहता ने कहा कि मिडनाइट चिल्ड्रेन को बनाते वक्त उनको काफी सावधानी रखनी पड़ी। सलमान रश्दी और दीपा मेहता ने मिलकर इस फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी। फिल्म बनाते वक्त सलमान रश्दी को हर बात बतानी पड़ी कि कौन से कैरेक्टर को रख रही हैं, कौन से नहीं।
अब कई फिल्में अछी आ रही हैं जैसे गैंग्स ऑफ वासेपुर, ओए लक्की-लक्की ओए, लव सेक्स और धोखा। ये फिल्में लीक से हटकर हैं। उन्होंने कहा कि कैनेडामें रहना और भारत में फिल्में बनाना उनके लिए कोई कठिन काम नहीं।
चंडीगढ़ में चाट खाना पसंद
दीपा मेहता ने कहा कि वह अपनी दोस्त नीलम मान सिंह चौधरी से मिलने के लिए अक्सर चंडीगढ़ आती हैं और जब यहां आती हैं तो चाट, पकौड़े के साथ यहां की डिश खूब खाती हैं।
इसके अलावा फेस्ट के दूसरे दिन ‘दिस साइड देट साइड : रिस्टोरिंग पार्टिशनÓ किताब के लेखक विश्वयोति घोष और आलोचक गिरिराज किराडू की परिचर्चा भी आकर्षण का केंद्र बनी।
‘सभी 26 कहानियों को शब्द कलाकारों और विजुअल कलाकारों ने तैयार किया है। 1947 में भारत के बंटवारे के अलावा, बांग्लादेश के गठन, शरणार्थियों के आगमन, भारत से पाकिस्तान की ओर पलायन और अल्पसंख्यक समुदायों के खालीपन बांग्लादेश के गठन की भी कहानियां इसमें हैं।
पहले बंटवारे पर लिखने की इछा रखने वाले घोष ने कहा कि ये कहानियां बंटवारे की फसल को बोए जाने, भगवान के खिलाफ अपराधों और अमानवीयता से जुड़ीं हैं। चंडीगढ़ के थियेटर फॉर थियेटर के कलाकारों ने इनमें से एक कहानी पर मंचन किया।
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