केजरीवाल की आप को एनआरआई की मदद

AAP_Kejriwal_AFPटोरंटो, दिल्ली विधानसभा चुनावों में पहली बार अपनी किस्तम आजमाने जा रही आम आदमी पार्टी को बड़ी संख्या में एनआरआई का भी सपोर्ट है। आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल का इस सपोर्ट से हौसला और बुलंद हो गया है।
विदेशों में रहने वाले भारतीय ना सिर्फ वहां बैठकर, बल्कि यहां पहुंचकर भी केजरीवाल की मदद करने जुटे हैं। पार्टी फंड से लेकर चुनावी रणनीति और मैनेजमेंट में इन लोगों की मदद ली जा रही है। आप से जुडऩे वाले कई एनआरआई ने तो अपनी नौकरी भी छोड़ दी है और पूरी तरह से पार्टी के प्रचार प्रसार में जुट गए हैं। ये एनआरआई न केवल आप पार्टी के लोगों को आर्थिक मदद दे रहे हैं, बल्कि पार्टी को नई तकनीक से लडऩा भी सीखा रहे हैं।
मनीष कुमार रइज़ादा 11 साल से शिकागो में रह रहे हैं। लेकिन पिछले 5 महीने से वो दिल्ली में हैं। पेशे से बचों के डाक्टर मनीष आम आदमी पार्टी के लिए हृक्रढ्ढÓह्य का समर्थन जुटाने का काम करते हैं। पार्टी बनने के बाद से लगभग 300 लोग ्र्रक्क से जुडऩे के लिए दिल्ली आते-जाते रहे हैं। मनीष को उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में लगभग 500 हृक्रढ्ढÓह्य दिल्ली आकर पार्टी के लिए योगदान देंगे।
डॉक्टर मनीष की तरह ही देश की राजनीति में बदलाव देखने लिए नितीन टोरंटो से पहुंचे हैं। पेशे से आईटी प्रोफेशनल नितिन करीब 6 साल से देश से बाहर रह रहे हैं। लेकिन फिलहाल वो भी राजनीति में शामिल हो गये हैं। साथ ही सेंट फांसिक्को से आए जोय कुमार भी हैं जो नौकरी छोडक़र आए हैं। कई बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों में काम कर चुके जॉय को अपने देश में नौकरी करनी है, लेकिन इससे पहले वो यहां की राजनीति को बदलते हुए देखना चाहते हैं।
आम आदमी पार्टी के लिए एनआरआई हमेशा से चर्चा का विषय है। खासकर पार्टी को मिलने वाले चंदे का 25 फीसदी इन्हीं की तरफ से आता है जो कई बार विवाद का विषय भी रहा है। हृक्रढ्ढÓह्य ने पार्टी के लिए दिल्ली की 70 में से 20 सीटों की सारी जिम्मेदारी ले ली है। यानी वहां पर प्रचार के सारे खर्चे, तकनीकी समर्थन, सोशल मीडिया की जिम्मेदीरी रैलियों की योजना सभी चीजें इन्हीं के हाथों में है। लेकिन भारत को बदलने में भारत को छोड़ चुके भारतवासी कितने सफल होंगे यह देखना दिलचस्प होगा।

 

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