भारतीय भी हैं अपनी नौकरी से संतुष्ट

नयी दिल्ली, आसमान छूती मंहगायी के बीच तमाम तरह की परेशानियों के बावजूद दुनिया में अपनी नौकरी से सबसे यादा संतुष्ट रहने वाले लोंगों मे भारतीय भी शामिल हैं। आनलाइन रोजगार सलाहकार सेवा देने वाली कंपनी मानस्टर वर्ल्डवाइड जीएफके की ओर से जारी ताजा सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक कामकाजी भारतीयों में से आधे से यादा यानि की 55 प्रतिशत से अधिक अपनी नौकरी से पूरी तरह संतुष्ट हैं और इस तरह नौकरी से खुश रहने वाले लोगों में भारतीयों का स्थान दुनिया में कनाड़ा और नीदंरलैंड के बाद तीसरे नबंर पर है। सर्वेक्षण का सबसे दिलचस्प पहलू यह रहा कि इसमें अपनी नौकरी को पसंद नहीं करने वाले भारतीयों की संख्या महज पांच प्रतिशत ही रही और इसमें भी कोई ऐसा नही पाया गया जिसने यह कहा हो कि वह अपनी नौकरी से नफरत करता है जबकि अन्य देशो में ऐसे कर्मचारियों की संख्या थोड़ी बहुत जरुर पायी गयी। दुनिया के सात देशों भारत, कनाडा, नीदरलैंड, प्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका के 8 हजार से यादा कामकाजी लोगों पर कराए गए इस सर्वेक्षण में कैनाडा पहले स्थान पर रहा जहां 65 फीसदी लोगों ने कहा कि वह अपनी नौकरी से पूरी तरह खुश हैं। नीदरलैंड दूसरे नबंर पर रहा जहां अपने पेशे से खुश रहने वालों का प्रतिशत 57 फीसदी पाया गया। इस सूची में अमेरिका चौथे नंबर पर रहा जहां 53 फीसदी लोग ही अपनी नौकरी से संतुष्ट पाए गए। मानस्टर डाट काम इंडिया के प्रबंध निदेशक संजय मोदी ने कहा कि सर्वेक्षण नतीजे यह बताते हैं कि भारत में कारोबारी माहौल और कर्मचारियों की सोच कैसी है तथा वह किस हद तक जोखिम उठाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि नौकरी से जुड़ी खुशी का वेतन से कोई संबंध नहीं है क्योंकि ऐसे कई कर्मचारी मिले जो अपने सहयोगियों की तुलना में कम वेतन मिलने के बावजूद भी उनसे यादा खुश पाए गए।
सर्वेक्षण के अनुसार मध्यम वेतन पाने वाले 60 फीसदी का कहना था कि वह कम पगार के बावजूद अपनी नौकरी से खुश हैं जबकि यादा वेतन पाने ने वालों और सबसे कम वेतन पाने वाले ऐंसे लोगों की संख्या क्रमश: 52 और 47 फीसदी रही। श्री मोदी ने कहा कि नौकरी से जुड़ी खुशी के लिए वेतन एक कारण जरुर होता है लेकिन यह सबसे बड़ी वजह नहीं होती इसके लिए कई और चीजें भी महत्व रखती है।

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