सामने नहीं आती हैं रेप की शिकार, दुनियाभर में है यही हाल
टोरंटो, जाने-माने खोजी पत्रकार तरुण तेजपाल अपनी सहकर्मी के यौन उत्पीडऩ के आरोपों से घिरे हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जज पर महिला वकील ने यौन शोषण के आरोप लगाए। दोनों ही मामलों में महिलाएं अपने साथ हुए अत्याचार के खिलाफ सामने नहीं आईं। तहलका सेक्स कांड मामले में पीडित लडक़ी ने आरोप लगाया है कि उसके परिवारवालों को धमकी दी जा रही है। आरोपी तरुण तेजपाल भी अपना बयान बदल रहे हैं। बलात्कार के मामलों का यह हाल सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है बल्कि सोमालिया, पाकिस्तान, कैनेडा और ब्रिटेन से लेकर अमेरिका तक ऐसे मामलों में महिलाओं को ही सबसे यादा भुगतना पड़ता है। अमेरिका जैसे देश में तो यादातर रेप के मामले दर्ज ही नहीं होते। हाल ही में सोमालिया में बलात्कार की शिकायत करने पर एक महिला को गिरफ्तार कर लिया गया। महिला संगठनों की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की जेलों में कैद 75 प्रतिशत महिलाएं बलात्कार की शिकार हैं। इतना ही नहीं, अमेरिका में एक सामान्य मान्यता यह भी है कि बलात्कार के पीछे महिलाओं की नशे की लत अधिक जिम्मेदार है।
महिलाओं पर तरह-तरह की बंदिशों के लिए बदनाम अफ्रीकी राष्ट्र सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में बलात्कार पीडि़त महिला को गिरफ्तार किया गया है। उसके कुछ सहकर्मियों ने बंदूक की नोंक पर उसके साथ बलात्कार किया था। हैरानी की बात यह है कि महिला का इंटरव्यू लेने वाले 19 वर्षीय पत्रकार को भी हिरासत में लिया गया है, जबकि जिन लोगों पर बलात्कार का आरोप है, वह खुले घूम रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने मामले की उचित तरीके से जांच की मांग की है। इस साल की शुरुआत में भी ऐसे ही एक मामले में बलात्कार पीडि़त और उसका इंटरव्यू लेने वाले को एक साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, बाद में दोनों को रिहा कर दिया गया था। सोमाली पत्रकार संघ का कहना है कि इन लोगों की गिरफ्तारी इसलिए हुई है, क्योंकि महिला ने जिन सहकर्मियों पर बलात्कार का आरोप लगाया है, उन लोगों ने मानहानि की शिकायत की थी। इसके बाद महिला को गिरफ्तार कर लिया गया।
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