बुरे रिकार्ड वाले देशों को हथियार वेचता है कैनेडा
अंतरराष्ट्रीय हथियारों के व्यापान की जब बात आती है तो कैनेडा का नाम अमेरिका, रूस एवं जरमन जैसे देशों की तरह मौत के सौदागरों में शामिल नहीं होता। पर जो देश शांति बना कर रखने के लिए सब से आगे नजर आता है वो हथियारों के कारोबार में भी अच्छी कमाई करता है। कैनेडियनों द्वारा कई शातिर ग्राहकों एवं बुरे रिकार्ड वाले देशों को भी हथियार बेचे जाते हैं। इंडस्ट्री कैनेडा का आर्मस टरांजेक्शन डाटा जनतक तौर पर उपलब्ध है औश्र इसके विश्लेशन के बाद पता चला है कि 2011 से 2012 तक बहरीन, अल्जीरिया, एवं इराक जैसे देशों को हथियार बेचने की गतिविधि में 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इन सभी देशों में मानवी अधिकारों की उल्लंघना या फिर अंदरूनी हिंसा का इतिहास रहा है। इन बातों को कैनेडा में सही नहीं माना जाता। यह भी पता चला है कि कैनेडा द्वारा पाकिस्तान (98प्रतिशत), मैक्सिको (93प्रतिशत) एवं मिसर (83 प्रतिशत) को भी काफी हथियार बेचे जाते हैं। पाकिस्तान में भी किसी न किसी रूप में संघर्ष जारी है और वहां प्रतिदिन आतंकवादी हमले होते रहते हैं। मैक्सिको में भी खून की होली खेली जाती है। इसके अलावा मिसर में भी थोड़े समय के लिए चुनी हुई सरकार रहने के बाद फिर से अस्थिर्ता वाला माहौल बना हुआ है। बेशक यह बरामद कानूनी तौर पर की गई है और यह रेगुलेशन का विष्य है पर माहिरों का कहना है कि इस से ओटवा की मानवी अधिकारों एवं हथियारों की बरामद के बारे में विदेश नीति पर सवालिया निशान लगता है। इस मामले में कैनेडा का सब से बड़ा ग्राहक अमेरिका है। पिछले साल हथियारों की बिक्री नौ प्रतिशत अधिक रही पर 2007 के 294.5 मिलियन डॉलर से अभी भी कोसों दूर है। उस समय अमेरिका इराक एवं अफगानिस्तार में लड रहा था। इसके उल्ट कैनेडा की बहरीन को हथियारों की बिक्री में 2011 में 250,000 डॉलर की वृद्धि हुई और अल्जीरिया में भी हथियारों की बिक्री बढ़ कर 242000 डॉल तक पहुंच गई।
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