संजय दत्त को पैरोल पर बवाल, पत्नी मान्यता के लिवर में है ट्यूमर
मुंबई. १९९३ मुंबई ब्लास्ट मामले में पुणे की यरवडा जेल में सजा काट रहे बॉलीवुड स्टार संजय दत्त को एक बार फिर पैरोल पर रिहा किए जाने को लेकर जारी विरोध के बीच डॉक्टरों ने कहा है कि अभिनेता की पत्नी मान्यता को लिवर का ट्यूमर है और उन्हें हार्ट की बीमारी भी हो सकती है। करीब हफ्ते भर पहले मान्यता का चेक-अप करने वाले डॉक्टर अजय चौघुले ने कहा है, ‘मान्यता को लिवर में ट्यूमर है। उनकी छाती में दर्द था और १५-२०0 दिनों में उनका वजन दस किलो कम हो गया है। हार्ट की बीमारी के इलाज के लिए कुछ टेस्ट कराने की सलाह दी गई है। टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद फैसला किया जाएगा कि सर्जरी की जरूरत है या नहीं।’
इससे पहले शनिवार को रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) कार्यकर्ताओं ने संजय दत्त को पैरोल दिए जाने के खिलाफ यरवडा जेल के बाहर प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र के गृहमंत्री आरआर पाटिल ने कहा कि संजय दत्त को पैरोल दिए जाने के कारणों की जांच होगी और अगर कहीं कुछ गलत हुआ है तो कार्रवाई की जाएगी।
एनसीपी नेता तारिक अनवर ने इस पूरे बवाल पर कहा कि संजय दत्त कोई आतंकवादी नहीं हैं। दूसरी ओर पूर्व आईपीएस अफसर वाईपी सिंह ने मांग की है कि संजय दत्त की पैरोल मंजूर करने वाले डिविजनल कमिश्नर प्रभाकर देशमुख को निलंबित किया जाए।
संजय दत्त को पैरोल दिए जाने के खिलाफ सुचेता दलाल ने भी आवाज उठाई है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा- तो कानून ताकतवर लोगों के लिए अलग है। संजय दत्त को फिर से पैरोल मिल गई और केतन पारेख मजे से विदेश में रह रहे हैं।
संजय दत्त को पत्नी मान्यता का स्वास्थ्य खराब होने के आधार पर शुक्रवार को ३० दिन के लिए पैरोल दी गई, जबकि गुरुवार को मान्यता को ‘आर…राजकुमार’ की स्क्रीनिंग पार्टी में देखा गया था।
संजय दत्त को दो महीने के भीतर फिर से पैरोल दिए जाने के बाद सवाल उठ रहे हैं क्या उन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जा रहा है या वह झूठ बोलकर बार-बार पैरोल पर बाहर आ रहे हैं?
ट्विटर समेत विभिन्न सोशल मीडिया प्लेफॉर्म पर संजय दत्त को पैरोल दिए जाने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। ट्विटर पर संजय दत्त की पत्नी मान्यता की कुछ तस्वीरें डाली गईं हैं, जिनमें वह हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘आर राजकुमार’ के स्क्रीनिंग में जाती दिख रही हैं। कई मीडिया रिपोर्ट भी मान्यता की बीमारी के आधार पर संजय दत्त को पैरोल देने पर सवाल उठा रही हैं।
१९९३ ब्लास्ट मामले में संजय दत्त के साथ ही दोषी करार दिए जैबुनिसा काजी, केरसी बापजी अजदानिया, यूसुफ खान, रंजीत कुमार और अल्ताफ अली का जिक्र किया गया है। इनमें से किसी को एक बार भी पैरोल पर रिहा नहीं किया गया है, जबकि जैबुनिसा की उम्र 71 वर्ष है और वह गंभीर रोगों से ग्रस्त हैं। एडवोकेट आभा सिंह ने संजय दत्त को पैरोल दिए जाने पर कहा कि बुजुर्ग महिला जैबुनिसा काजी और संजय दत्त एकसाथ जेल गए थे, लेकिन उन्हें अभी तक पैरोल नहीं मिली और संजय दत्त को बार-बार पैरोल दी जा रही है। जैबुनिसा की बेटी ने भी संजय दत्त की पैरोल पर सवाल उठाए हैं।
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