अब पार लगने वाली है लोकपाल की नैया

Lokpalनई दिल्ली, लोकपाल की मांग को लेकर अन्ना के पांचवें दिन अनशन के बाद 44 साल से लंबित विधेयक संसद की दहलीज लांघने के करीब पहुंच गया है। यानी इसकी नैया अब पार लगने ही वाली है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने खुद सामने आकर इस बात के न सिर्फ संकेत दिए, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ इसे अहम हथियार बताते हुए इसका श्रेय लेने का भी इंतजाम कर लिया। राहुल ने दावा किया है कि लोकपाल कानून बनाने की दौड़ में सरकार समापन रेखा के बेहद करीब है। इस मामले पर अन्ना हजारे के रवैये में भी नरमी आई है। उन्होंने संकेत दिए हैं कि सरकारी बिल संसद में पास होने पर वह अनशन तोड़ सकते हैं। जबकि आप नेता अरविंद केजरीवाल ने अन्ना के रवैये पर हैरानी जताते हुए सरकारी बिल को नामंजूर कर दिया है।

राहुल खुलकर आए लोकपाल के पक्ष में
तीन साल से जारी लोकपाल बिल की जोरदार बहस में राहुल अब जाकर खुल कर इसके पक्ष में आ खड़े हुए हैं। इस बार लोकपाल बिल को संसद से पारित करवाने के समर्थन में बुलाई गई उनकी प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और कानून मंत्री कपिल सिब्बल भी मौजूद थे। राहुल ने इस विधेयक की वकालत करते हुए कहा, ‘यह विधेयक भ्रष्टाचार मामले में हालात को पूरी तरह बदल देगा।’ किसी ज्वलंत मुद्दे पर राहुल गांधी की यह पहली प्रेस कांफ्रेंस थी। इसमें उन्होंने न सिर्फ अपनी बात रखी बल्कि पत्रकारों के सवालों के जवाब भी दिए। इस मामले में अन्ना और आम आदमी पार्टी के किसी भी असर से राहुल गांधी ने पूरी तरह इन्कार किया है। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हम तो लंबे समय से फुल टाइम इसके लिए कोशिश कर रहे थे। मगर संसद ही सुचारू रूप से नहीं चलने दी जा रही थी।’ लोकपाल को लेकर अन्ना के अनशन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘अन्ना अनशन पर हैं। यह उनका नजरिया है। हमारा काम है इस देश को एक सशक्त लोकपाल विधेयक उपलब्ध करवाना।’ इसी तरह सिब्बल ने कहा कि सीबीआइ को सरकार से स्वायत्त करने की मांग लंबे समय से हो रही थी। इस लोकपाल विधेयक में इसे पूरा करते हुए इस जांच एजेंसी का जांच और अभियोजन का काम लोकपाल के अधीन हो जाएगा।

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