चुनाव के लिए रहें तैयार,दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना लगभग तय
नई दिल्ली : दिल्ली में नई सरकार के गठन की सारी संभावनाएं खत्म हो गई हैं। चुनाव के बाद सबसे बड़े दल के रूप में उभरे भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह सरकार बनाने की पहल नहीं करेगी। पार्टी ने अपने नवनिर्वाचित विधायकों से भी दो टूक कह दिया है कि वे नए चुनाव की तैयारी करें। संख्या बल के हिसाब से दूसरे नंबर की पार्टी बनी आम आदमी पार्टी (आप) पहले ही कह चुकी है कि वह विपक्ष में बैठेगी। पार्टी नेताओं ने नए चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है। कांग्रेस ने आप को सरकार बनाने के लिए बिना शर्त समर्थन की पेशकश की है पर आप नेता साफ कर चुके हैं कि वह न किसी से समर्थन लेंगे और न ही समर्थन देंगे।1महत्वपूर्ण यह है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों दल दुबारा चुनाव नहीं कराने की दलील देकर आप पर यह दबाव बना रहे हैं कि वह सरकार बनाने की पहल करे। लेकिन स्पष्ट बहुमत नहीं होने की सूरत में पहली बार सरकार बनाने के मायने आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल व उनकी पार्टी के अन्य रणनीतिकार भी समझ रहे हैं। लिहाजा, ताजा राजनीतिक हालात को देखते हुए सूबे में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना लगभग तय है। इसके बाद दिल्ली विधानसभा का फिर से चुनाव कराया जाना ही एकमात्र विकल्प दिख रहा है। दिल्ली चुनाव कार्यालय ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव में चुने गए सभी 70 विधायकों की सूची अधिसूचित कर दी। मुख्य चुनाव अधिकारी विजय देव ने नवनिर्वाचित विधायकों की सूची उपराज्यपाल नजीब जंग को सौंप दी। इसी के साथ ही दिल्ली की पांचवीं विधानसभा का गठन हो गया है और चुने गए सभी सदस्य अब विधायक कहलाएंगे। अब राजनिवास को भाजपा या आप की ओर से सरकार बनाने का दावा पेश किए जाने का इंतजार है। समझा जा रहा है कि उपराज्यपाल बुधवार तक इंतजार करेंगे। उच्चाधिकारियों ने जानकारी दी है कि भाजपा व आप के इन्कार को देखते हुए उपराज्यपाल बुधवार शाम तक दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की सिफारिश राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से कर सकते हैं। चूंकि, राष्ट्रपति दक्षिण अफ्रीका में हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि राष्ट्रपति के दिल्ली लौटते ही राजधानी में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है।
हर्षवर्धन बने भाजपा विधायक दल के नेता
भाजपा विधायकों ने मंगलवार को सर्वसम्मति से डा. हर्षवर्धन को विधायक दल का नेता चुन लिया। विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि विधायकों की पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और दिल्ली मामलों के प्रभारी नितिन गडकरी के साथ अलग-अलग बैठक भी हुई। इनमें भाजपा विधायकों से कहा गया कि वे खुद को विधायक नहीं, पार्टी का प्रत्याशी समङों और नए चुनाव की तैयारी करें। हो सकता है कि मई में लोकसभा चुनाव के साथ ही दिल्ली विधानसभा के भी चुनाव कराए जाएंगे और पार्टी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की लहर पर सवार होकर केंद्र व दिल्ली दोनों जगहों पर सरकार बना लेगी।
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