इतिहास रचेगा 2014 का चुनाव,ध्वस्त होंगी परंपराएं : नरेंद्र मोदी

modii4नई दिल्ली : भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि आजादी के बाद यह पहला ऐसा चुनाव आ रहा है जिसमें पुरानी परंपराएं समाप्त हो रही हैं। यह चुनाव अपने आप में जनांदोलन है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम लिए बिना मोदी ने कहा कि लोग उनके खिलाफ अनाप-शनाप आरोप लगा रहे हैं लेकिन जो लोग दर्द और पीड़ा में पले हों, उन्हें दूसरों की पीड़ा को समझने और दूर करने के लिए यात्राएं करने की नहीं, काम करने के इरादे की जरूरत होती है।

मोदी ने यहां तालकटोरा स्टेडियम में योग गुरु बाबा रामदेव की ओर से आयोजित भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं निराशावादी नहीं हूं। मैंने किसी पद के लिए जन्म नहीं लिया। देश को वायदे की नहीं, बल्कि कुछ करने के लिए इरादे की जरूरत है।’

मनमोहन सिंह का नाम लिये बिना भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने कहा, ‘आज जब लोग ऐसे आनाप शनाप आरोप लगाते हैं तब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं कि ट्रेन में चाय बेचने वाला आज कहां बैठा है। मैंने अपनी मां को दूसरे के घरो में बर्तन साफ करते देखा है और उन्हीं ने ऐसे संस्कार दिये कि मैं निराशवादी नहीं हूं।’

अपने परिवार के साथ बचपन में कपास का छिलका (बिनौला) उतारने का काम करने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग दर्द और पीड़ा में पले हों, उन्हें दूसरों की पीड़ा को समझने के लिए यात्राएं करने की जरूरत नहीं पड़ती है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को एक सवाल के जवाब में कहा था कि मोदी का प्रधानमंत्री बनना देश के लिए विनाशकारी होगा। लोकसभा चुनाव से पहले देश के समक्ष विभिन्न मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट करते हुए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने कहा कि मानव संसाधन का सामथ्र्य कुनीतियों के कारण अभिशाप में तब्दील हो गया है और किसी पद के लिए नहीं जन्म लिया, देश को वायदे की नहीं, कुछ करने के इरादे की जरूरत है उन्होंने योगगुरू और जनता से नेताओं के ट्रैक रिकार्ड को देखने और केवल वायदों पर भरोसा नहीं करने का आग्रह किया।

मोदी ने कहा कि चुनावी जोड़तोड़, परिवार संभालने, वोट बैंक के साये से निकल कर विकास के एजेंडे पर चुनावी राजनीति का बढ़ना लोकतंत्र के लिए शुभ है। उन्होंने कहा कि देश की बहुत बड़ी आबादी युवाओं की है । इन युवाओं ने देश के सामर्थ्य में वृद्धि की है। लेकिन जो आबादी मानव संसाधन देश के लिए वरदान बन सकती थी वह कुनीतियों के कारण बर्बाद हो रही हैं। इससे बड़ा अपराध कोई और नहीं हो सकता है।

भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए लोक कल्याणकारी नीतियां और निर्णय में पारदर्शिता की जरूरत है। पारदर्शिता के लिए हर स्तर पर छोटी छोटी चीजों को आगे बढ़ाने की जरूरत होती।

भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने कहा, ‘देश को आगे बढ़ाने के लिए मंगल ग्रह से लोगों को लाने की जरूरत नहीं है। यहीं के लोग देश को आगे ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर सरकारें आती है और अपना समय दिनरात अगला चुनाव जीतने में लगा देती है। जबकि सरकार का काम पांच साल तक लोगों को विश्वास में लेकर आगे बढ़ने की होनी चाहिए।

मोदी ने कहा, ‘भाजपा और विशेष तौर पर नरेन्द्र मोदी से जो अपेक्षाएं है, उन्हें पूरा करने का काम करेंगे। हर समस्या का समधान निकाले जा सकते हैं, रास्ते खोजे जा सकते हैं और परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं निराशावादी नहीं हूं। मेरी डिक्शनरी में निराशा शब्द नहीं है। इसका मतलब यह नहीं कि मुझे डिक्शनरी याद है बल्कि इसका कारण यह है कि मैंने जिंदगी को ऐसे ही जीया है।’

उन्होंने कहा कि प्रत्येक 30 साल में जमीन का लेखा जोखा करने का प्रावधान है। लेकिन सौ साल में इस काम को ठीक ढंग ने नहीं किया गया है। कई जगह पर नदियों ने रास्ते बदल दिये और कई स्थानों पर पर्वत का हिस्सा गिर गया। लेकिन सरकारी कागज में अभी भी यह स्थान जमीन के रूप में दर्ज है। किसान परेशान है।

मोदी ने कहा कि आजादी के बाद यह पहला चुनाव ऐसा आ रहा है जिसमें पुरानी परंपराएं समाप्त हो रही हैं। यह चुनाव अपने आप में जनांदोलन है। उन्होंने कहा, ‘कभी कभी पीड़ा होती है कि आजादी के इतने वर्ष बाद भी देश के स्वाभिमान के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है। यह तो स्वाभाविक प्रक्रिया होनी चाहिए और यह स्वत: मिलनी चाहिए।’

भारतीय भाषाओं के गौरव का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘दुनिया जिस भाषा को समझे उस भाषा में हमारे देश के बच्चे उसे समझा पाएं ऐसी स्थिति होनी चाहिए। लेकिन इसके साथ अपनी भाषा पर गर्व और स्वाभिमान होना जरूरी है।’ उन्होंने कहा कि पांच साल बाद महात्मा गांधी की 150 जयंती आने वाली है और 8-9 वर्ष के बाद आजादी का अमृत पर्व आने वाला है। ऐसे में हमें भव्य एवं दिव्य भारत के निर्माण के सपने को लेकर आगे बढ़ना है।

इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कहा कि अत्यधिक करों के कारण कालेधन में इजाफा होता है क्योंकि लोग कर से बचने के लिए अवैध तरीके से धन को बाहर भेजते हैं। उन्होंने कहा कि आम लोगों का जीवन जन्म लेने से मृत्यु तक कर देने से जुड़कर रह गया है जो सड़क से घर, सेवाकर, बिजली, पानी के अलावा आयकर जैसे करों के भुगतान से संबंधित है।

उन्होंने कहा, ‘एक व्यक्ति कड़ी मेहनत से जो कुछ कमाता है, उसका एक छोटा सा हिस्सा ही बचा पाता है, शेष बाहर निकल जाता है। कराधान व्यवस्था को सरल बनाने की सख्त जरूरत है।’ भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी योग गुरु के सुझावों का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें सुधार की जरूरत है। लेनदेन कर का विकल्प काफी अच्छा है। हम इस पर विचार करेंगे।

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