कर्नाटक ने महाराष्ट्र को हराकर 7वीं रणजी ट्राफी खिताब जीता
हैदराबाद : कर्नाटक ने रविवार को यहां फाइनल के पांचवें और अंतिम दिन महाराष्ट्र को सात विकेट से हराकर सातवीं बार रणजी ट्राफी खिताब जीत लिया।
कर्नाटक को दो सत्र से कुछ अधिक समय में 157 रन का लक्ष्य हासिल करना था और उसके बल्लेबाजों ने 40.5 ओवर में तीन विकेट पर 157 रन बनाकर जीत दर्ज कर ली।
रोबिन उथप्पा (36), केएल राहुल (29) और अमित वर्मा (38) ने उम्दा पारियां खेली जिससे कर्नाटक ने 2009-10 फाइनल में मुंबई के हाथों छह रन की शिकस्त की निराशा को पीछे छोड़कर जीत दर्ज की।
युवा सलामी बल्लेबाज राहुल को पहली पारी में शतक जड़ने के लिए मैन आफ द मैच चुना गया। कर्नाटक को इस जीत के लिए दो करोड़ रुपए मिले।
महाराष्ट्र को एक करोड़ रुपए मिले लेकिन टीम को निराशा होगी कि वह रणजी खिताब के सात दशक से भी अधिक लंबे इंतजार को खत्म नहीं कर सकी।
महाराष्ट्र की टीम को हालांकि मैच को प्रतिस्पर्धी बनाने का पूरा श्रेय जाता है क्योंकि मैच के दूसरे दिन ही उसकी स्थिति बेहद खराब हो गई थी।
अंतिम दिन महाराष्ट्र दूसरी पारी में छह विकेट पर 272 रन से आगे खेलने उतरा। महाराष्ट्र के पुछल्ले बल्लेबाज टिककर खेले जिससे टीम 366 रन बनाने में सफल रही। श्रीकांत मुंधे ने 75 गेंद में 42 रन बनाए। कर्नाटक के मजबूत बल्लेबाजी क्रम को देखते हुए 157 रन का लक्ष्य काफी मुश्किल नहीं था। महाराष्ट्र के तेज गेंदबाज समद फल्लाह ने शुरुआत में बल्लेबाजों को परेशान किया लेकिन उथप्पा ने आक्रामक रुख दिखाते हुए कनार्टक की राह आसान कर दी।
उथप्पा ने 47 गेंद की अपनी पारी में छह चौके मारे। उन्होंने स्पिनर अक्षय दारेकर को निशाना बनाया। उथप्पा ने राहुल के साथ पहले विकेट के लिए 65 रन जोड़े। शुरुआत में उथप्पा को स्ट्राइक देने वाले राहुल ने चिराग खुराना पर लगातार दो छक्के जड़ने के बाद उन पर चौका भी मारा।
मनीष पांडे (नाबाद 28) और करूण नायर (नाबाद 20) ने टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया। नायर ने खुराना की लगातार गेंदों पर चौका और छक्का जड़कर टीम को जीत दिलाई। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 300 विकेट पूरे करने वाले कर्नाटक के कप्तान आर विनय कुमार ने कहा कि रणजी ट्राफी खिताब जीतने से अधिक संतोषजनक कुछ नहीं है।
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