मोदी बताएं दाऊद को भारत लाने का रास्ता : चिदंबरम

नई दिल्ली, माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम पर भाजपा और कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया है। हमले की शुरुआत नरेंद्र मोदी ने की। एक गुजराती चैनल को दिए साक्षात्कार में दाऊद को भारत लाने के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के बयान की आलोचना करते हुए मोदी ने कहा, ऐसे आपरेशन बयान जारी कर नहीं होते। शिंदे के बचाव में उतरे वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने उल्टे भाजपा से दाऊद को लाने का रास्ता बताने को कहा है।

साक्षात्कार में दाऊद पर शिंदे के बयान के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने सरकार की मंशा पर ही सवाल उठा दिया। उन्होंने कहा, ‘क्या ऐसे काम मीडिया के माध्यम से किए जा सकते हैं? क्या ये चीजें अखबारों में लीक की जानी चाहिए।’ उन्होंने पाकिस्तान की धरती पर अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के मारे जाने की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘क्या अमेरिका ने लादेन से बात की थी? क्या अमेरिका ने लादेन तक पहुंचने के अपने प्लान के बारे में मीडिया को बताया था।’ शिंदे के बयान को बचकाना बताते हुए उन्होंने कहा, ‘सरकार को क्या हो गया है? उसमें थोड़ी भी परिपक्वता नहीं है। मुझे शर्म आती है कि गृह मंत्री इस तरह का बयान देते हैं।’

शिंदे पर मोदी के इस हमले के बाद कांग्रेस उनके बचाव में उतरी। शिंदे से पहले गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके चिदंबरम ने दाऊद को लाने के लिए मोदी से बेहतर रास्ता सुझाने की मांग करते हुए कहा, ‘पाकिस्तान के भीतर हम उसे कमांडो भेजकर नहीं पकड़ सकते। सरकार को मालूम है कि दाऊद पाकिस्तान सरकार के संरक्षण में कराची में रह रहा है, जहां से वह खाड़ी देशों में जाता रहता है। हम पाकिस्तान के संरक्षण में रह रहे किसी व्यक्ति को कैसे गिरफ्तार कर सकते हैं? उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी है। यदि हम पकड़ सकते तो जरूर पकड़ते। लेकिन, हम किसी छद्म आपरेशन में शामिल नहीं हो सकते।’ चिदंबरम को जवाब देते हुए भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मोदी की सरकार बनने के बाद विदेश में बैठे सभी अपराधियों को भारत लाया जाएगा।

जिन शिंदे के बयान पर सियासी घमासान शुरू हुआ उन्होंने अब चुप्पी साध ली है। लेकिन, शुक्रवार को पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने इस पर खुलकर बात की थी। शिंदे का कहना था कि गृह मंत्री के रूप में डेढ़ साल के अपने कार्यकाल में उनसे जो भी बन पड़ा उन्होंने किया। यदि और समय मिलता तो यह काम भी मुश्किल नहीं था।

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