गुमराह होने के बाद पछताते हैं मुस्लिम: मायावती

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती का दावा है कि देश में मुसलमान चुनावों में गुमराह होने के बाद पछताते हैं। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के एक दिन बाद शनिवार को मायावती ने लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह जनादेश यूपीए के खिलाफ आया है।

मायावती ने कहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समाज के साथ अपर कास्ट के लोग गुमराह हो गए। उन्होंने कहा कि इन दोनों वर्ग के अब पछताने का कोई लाभ तो नहीं है लेकिन यह लोग चुनाव के समय जरा भी सावधान नहीं रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार मुसलमान बड़ी संख्या में गुमराह हुआ है। यह लोग पहले तो गुमराह होते हैं और चुनाव के चंद दिन बाद पछताते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार भी मुसलमानों ने समाजवादी पार्टी के पक्ष में मतदान किया है। यह लोग विधानसभा चुनाव में भी गलती कर पछता रहे थे लेकिन लोकसभा चुनाव में फिर गलती कर दी।

मायावती ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में भी हमारी पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ा है। इससे पहले 2009 में हमारी पार्टी को करीब एक करोड़ 51 लाख मत मिले थे। इस बार हमको एक करोड़ 60 लाख वोट मिले हैं। हमारी पार्टी वोट पाने के मामले में देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने देश भर में गलत प्रचार किया, इसके कारण ही हम पिछड़े हैं। यह जनादेश यूपीए के खिलाफ है। कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण लोगों में भारी गुस्सा था। इसके कारण हम लोग भी जनता के गुस्से का शिकार हो गए।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा। जिसके कारण भाजपा ने इसका लाभ ले लिया। उन्होंने कहा कि सपा ने अमेठी में राहुल गांधी तथा रायबरेली में सोनिया गांधी के खिलाफ अपना प्रत्याशी नहीं खड़ा किया तो कांग्रेस ने कन्नौज, मैनपुरी तथा बदायूं में कोई प्रत्याशी नहीं उतारा। मायावती ने कहा कि आजमगढ़ व फिरोजाबाद में भी कांग्रेस ने हल्के प्रत्याशी को उतारा। उन्होंने कहा कि फिरोजाबाद में कांग्रेस के प्रत्याशी को 7,447 व आजमगढ़ में करीब 18 हजार वोट मिले।

उन्होंने दावा किया कि दलित वोट बैंक आज भी मेरे साथ है। लोग गुमराह कर रहे थे कि दलित वोट बैंक बसपा से खिसक रहा था। मायावती ने कहा कि इस बार चुनाव में भाजपा के अमित शाह ने सांप्रदायिक भाषण दिए। अमित शाह ने बसपा के खिलाफ भी काफी षडयंत्र किया, लेकिन हमारी पार्टी के समर्थक उनके बहकावे में नहीं आए।

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