देश हित में करने होंगे कड़े फैसले :
नई दिल्ली. अच्छे दिन लाने का वादा करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि देश को अब कड़े फैसलों के लिए तैयार रहना होगा। मोदी ने शनिवार को पणजी में भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच देश की माली हालत की तस्वीर सामने रखी। मोदी ने कहा, ‘कड़े फैसले, कड़वी औषधि और वित्तीय समझदारी इस घड़ी देश के लिए बहुत जरूरी है। वित्तीय सेहत सुधारने के लिए एक-दो साल तक कड़े फैसले लेने की जरूरत है। उम्मीद है आप मेरा साथ दोगे।’ मुश्किल हालातों के लिए यूपीए को दोषी ठहराते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंंने विरासत में दिवालिया और जर्जर देश दिया और अर्थव्यवस्था में कुछ भी नहीं छोड़ा। इसलिए सारा भार उन पर आ गया है। थोड़ी ही देर बाद मोदी ने ट्विटर पर भी यही बातें कहीं। उन्होंने लिखा कि ‘राष्ट्रीय हित में कड़े फैसलों का समय आ गया है। हम जो भी फैसला करेंगे, वे शुद्ध रूप से राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर लिए जाएंगे।’
ये कड़े कदम उठा सकते हैं मोदी
सब्सिडी घटेगी
यानी पेट्रोल की तरह डीजल के दाम भी बाजार के हवाले होंगे। रसोई गैस सिलेंडर, केरोसीन, खाद पर दी जा रही सब्सिडी घट सकती है। इससे इनके दामों में वृद्धि होगी।
अमीरों पर टैक्स
मध्यम वर्ग को बचाने के लिए ज्यादा कमाई करने वालोंं पर टैक्स बढ़ सकता है। बजट में लग्जरी वाहनों, विलासिता की वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाकर इन्हें महंगा किया जा सकता है।
सस्ती बिजली बंद
पिछली सरकार की सामाजिक योजनाओं में दिया जाने वाला पैसा कम किया जा सकता है। राज्यों को सस्ती बिजली का प्रावधान खत्म करने को कहा जा सकता है।
निजीकरण बढ़ेगा
केंद्र से लेकर राज्यों तक फिजूलखर्ची कम करने के कदम उठाए जाएंगे। लाभ नहीं देने वाले क्षेत्रों का निजीकरण संभव। निवेश के लिए एफडीआई समेत बड़े फैसले संभव।
आयकर छूट
मुमकिन है कि मोदी सरकार आयकर छूट की सीमा में कोई बड़ा बदलाव न करें। मोदी सरकार से अभी तक ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि वे आयकर छूट की सीमा को बढाएंगे।
खाद्य सुरक्षा विधेयक में बदलाव
यूपीए सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना में कुछ बदलाव करके सब्सिडी में कटौती की जा सकती है।
इसके अलावा, ये कदम भी उठा सकते हैं पीएम
-भूमि अधिग्रहण से जुड़े नियम आसान किए जाएंगे ताकि इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी योजनाओं को रफ्तार मिल सके।
-विभिन्न सेक्टरों में एफडीआई की सीमा को बढ़ाया जा सकता है, इसमें रिटेल भी शामिल है।
मोदी सरकार अगले हफ्ते कैबिनेट में विस्तार कर सकती है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून के बाद कभी भी अपनी कैबिनेट के विस्तार को अमलीजामा पहना सकते हैं।
एक हिंदी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, इस विस्तार में करीब दो दर्जन नए मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है। वहीं प्रधानमंत्री के भूटान यात्रा से लौटने के बाद करीब आधा दर्जन राज्यों के राज्यपालों का बदला जाना भी करीब-करीब तय माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, विस्तार में उन राज्यों को तवज्जो दी जाएगी जिन्हें पहली मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई है। इसमें राजस्थान, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, झारखंड, छत्तीसगढ़ के कुछ चेहरों को जगह मिलनी तय बताई जा रही है। गोपीनाथ मुंडे की मौत के बाद महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को देखते हुए एक पिछड़े चेहरे को कैबिनेट में शामिल करने की संभावनाएं हैं। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को भी मोदी कैबिनेट के विस्तार में जगह मिलना तय माना जा रहा है।
जोशी आएंगे कैबिनेट में?
खबर के मुताबिक, पार्टी के सबसे सीनियर नेता मुरली मनोहर जोशी के अलावा राजीव प्रताप रूडी, एसएस अहलूवालिया, मुख्तार अब्बास नकवी आदि के कैबिनेट में आने की चर्चाएं हैं। बता दें कि मुरली मनोहर जोशी को पहली कैबिनेट में शामिल न किए जाने के बाद इस तरह की खबरें आई थीं कि मोदी अपने मंत्रिमंडल में बुजुर्ग और 75 से ऊपर के नेताओं को जगह नहीं देंगे। वहीं, दूसरी ओर ऐसी भी खबरें हैं कि संघ की ओर से हरी झंडी मिलने पर अरुण शौरी और एमजे अकबर को भी सरकार में शामिल किया।
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