अमेरिका की कार्रवाई का विरोध करेगा हाफिज सईद !
लाहौर। पाकिस्तान के इस्लामिक धार्मिक संगठन जमात-उद-दावा के मुखिया ने अमेरिका द्वारा संगठन को आतंकवादी संगठन करार देने पर कड़ी आपत्ति जताई है। अमेरिकी ने संगठन पर आर्थिक प्रतिबंध भी लगा दिए हैं।
लाहौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए संगठन के नेता हाफिज मोहम्मद सईद ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उनका किसी भी आतंकी संगठन से कोई ताल्लुक नहीं है। उन्होंने इस कार्रवाई का विरोध करने की कसम भी खाई है। उन्होंने कहा कि जमात-उद-दावा सिर्फ चैरिटी यानी परोपकारी संगठन है। इसका लश्कर-ए-तैय्यबा से कोई संबंध नहीं है। लश्कर पर 2008 के मुंबई हमलों का आरोप है।
सईद ने कहा कि यह स्वतंत्र पाकिस्तानी संगठन है। यह शिक्षा और राहत कार्यों में हिस्सा लेती है। यह सिर्फ पाकिस्तानी अवाम के लिए काम करती है। अमेरिका ने जमात उद दावा को लश्कर-ए-तैय्यबा का मूल संगठन माना है। हाफिज सईद को भी अलकायदा से जुड़ा हुआ और लोगों को उकसाने वाला व्यक्ति करार दिया है। इस सईद ने कहा कि उनके खिलाफ पाकिस्तान में कोई भी अपराधिक मामला दर्ज नहीं है।
लश्कर के फाइनेंसरों पर भी गाज
अमेरिका ने इस साथ लश्कर से जुड़े अन्य संगठनों को भी प्रतिबंधित सूची में डाल दिया है। साथ ही पाकिस्तान में रहने वाले लश्कर के दो फाइनेंसरों-नजीर अहमद चौधरी और मुहम्मद हुसैन गिल पर भी आर्थिक प्रतिबंध लगाया है। इनको स्पेशियली डेजिग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया है। गिल 10 साल तक लश्करे तैयबा का अकाउंटेंट और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर रहा है।
अमेरिका ने इस साथ लश्कर से जुड़े अन्य संगठनों को भी प्रतिबंधित सूची में डाल दिया है। साथ ही पाकिस्तान में रहने वाले लश्कर के दो फाइनेंसरों-नजीर अहमद चौधरी और मुहम्मद हुसैन गिल पर भी आर्थिक प्रतिबंध लगाया है। इनको स्पेशियली डेजिग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया है। गिल 10 साल तक लश्करे तैयबा का अकाउंटेंट और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर रहा है।
इनके अलावा 22 और लोगों को लश्कर से जुड़ा होने के कारण आतंकी घोषित किया है। अमेरिका में इनके बैंक खाते जब्त कर लिए गए हैं। इनके साथ वित्तीय लेन-देन पर रोक लगा दी गई है। अमेरिका हाफिज सईद को पहले ही आतंकी घोषित कर चुका है। उसे पकडऩे वाले को अमेरिका की ओर से इनाम देने की घोषणा भी की गई है।
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