लादेन को भेजे खत में किया था आइएस की क्रूरता से आगाह

लंदन। मारे जा चुके आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान के ठिकाने पर मिले एक खत में एक नए इस्लामी चरमपंथी समूह के उभरने की बात कही गई थी। साथ ही आगाह किया गया था कि इस आतंकी समूह की क्रूरता अलकायदा के लिए खतरा हो सकती है। सोमवार को मीडिया में जारी रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

वर्ष 2011 में बिन लादेन के शीर्ष कमांडर द्वारा लिखे गए 21 पन्नों के इस खत में दावा किया गया था कि इस्लामिक स्टेट [आइएस] या इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया नागरिक जीवन की पूरी तरह उपेक्षा करता है। ब्रिटिश अखबार डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, खत में बताया गया था कि आइएस बर्बर कृत्यों में विश्वास रखता है। यह रासायनिक हथियारों के तौर पर क्लोरीन गैस का इस्तेमाल करता है। मस्जिदों का विध्वंस करता है, लोगों को सूली पर चढ़ा देता है या उनके सर कलम कर देता है। आइएस 9/11 का हमला करने वाले समूह से भी ज्यादा खतरनाक है जिसमें हजारों लोग मारे गए थे।

आज आइएस एक शक्तिशाली आतंकी समूह बन चुका है जिसने इराक और सीरिया का बड़ा हिस्सा अपने कब्जे में कर लिया है जिससे 1916 में ब्रिटेन और फ्रांस के बीच साइक्स-पिकोट समझौते के तहत निर्धारित इराक और सारिया की आधुनिक सीमाओं में बड़ा बदलाव आया है। मध्य पूर्व क्षेत्र का पूरा राजनीतिक भूगोल बदल गया है। आइएस ने 46 वर्षीय अबु बकर अल बगदादी को नया खलीफा घोषित किया है जिसे अमेरिकी सेना ने इराक में चार साल तक बंदी बना कर रखा था। आज दस हजार से अधिक लड़ाके इस सुन्नी नेता के आदेश का पालन करते हैं। यह समूह फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किग साइट्स का इस्तेमाल जिहाद फैलाने के लिए कर रहा है।

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