हार्पर सरकार द्वारा ‘बर्थ टूरिज्मÓ पर सख्ती की तैयारी
ओटवा, हार्पर सरकार द्वारा ‘बर्थ टूरिज्मÓ पर सख्ती करने की तैयारी की जा रही है, जिससे कैनेडा में जन्म लेने वाले बच्चे को जन्म के कारण सिटीजनशिप मिल जाती है और फिर वो अपने अभिभावकों को कैनेडा आने के लिए स्पांसर कर सकता है। इससे सरकार पर बोझ पडऩे के साथ साथ टूरिज्म सहुलियत का गलत इस्तेमाल होता है।
दरअसल जब से कैनेडा की हाकिम कंजर्वेटिव पार्टी ने आवास नीतियों को लोगों पर मनमरजी से ठोसना शुरू किया है, जिसे से यहां रहते बहु-संख्या आवासियों के लिए मुश्किलें खड़ी हो रही हैं। पिछले कुछ वर्षों से अभिभावकों-बुजुर्गों से ले का विवाहितों एवं रिफ्यूजियों के बारे में कानून में सख्ताई की गई है। पर यह सख्ताई यहीं नहीं थमी। इमिग्रेशन मंत्री क्रिस एलैग्जैंडर अब आवासियों के पैदाइशी नागरिकता के हक को भी छीनने की योजना बना रहे हैं। इसका पता स्थानीय समाचार पत्र को चला है कि कैनेडा की धरती पर जन्म लेने वालों को इस हक से वंचित किया जा सकता है। कैनेडा एवं अमेरिका दुनिया के ऐसे देश हैं जहां जन्म लेने वाला बच्चा खुद-ब-खुद यहां का नागरिक बन जाता है (उसके अभिभावक बेशक किसी भी देश के नागरिक हों) और वो बड़ा हो कर अपने अभिभावकों को स्पांसर कर सकता है। समाचार पत्र द्वारा हासिल किये 2013 के गुप्त दस्तावेजों के अनुसार सरकार समझती है कि कैनेडा में जन्मे बच्चे को नागरिकता देने से फ्रॉड बढ़ रहे हैं।
कुछ वर्षों पहले रिपोर्ट आई थी कि बाहर से आए लोग कैनेडा की धरती पर आ कर बच्चे को जन्म देने की फिराक में हैं, जिस को प्रसर्व टूरिज्म भी कहा जाता है। मंत्री के अनुसार आवासियों द्वारा कैनेडा की धरती पर पहुंच कर बच्चे को जन्म देना और चले जाना भी विचारनीय मामला है। यहां लोगों को कैनेडा से कोई मजबूत रिश्ता नहीं जुड़ता बलकि उनको मनोरथ अपनी औलाद को कैनेडियन नागरितका दिलाना ही होता है। सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार अभी इन नीतियों के बारे में राज्य स्तर पर बातचीत कर रही है क्योंकि जन्म सर्टीफिकेट राज्य सरकार द्वारा जारी होते हैं।
सूत्रों के अनुसार देश में होती वार्षिक 3,60,000 पैदाइशों में से करीबन 500 बच्चे की विदेशी नागरिकों के होते हैं।
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