सोहराबुद्दीन केस में वंजारा को जमानत, रिहाई नहीं

अहमदाबाद। सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में गुजरात के पूर्व आईपीएस अफसर डीजी वंजारा को जमानत मिल गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरवार को उन्हें जमानत दी। कोर्ट ने उन्हें 2 लाख रुपए के बेल बॉन्ड पर जमानत देते हुए पासपोर्ट सरेंडर करने का निर्देश दिया है। जमानत मिलने के बावजूद वंजारा को अहमदाबाद के साबरमती जेल में ही रहना होगा। वह इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में भी नामजद आरोपी हैं।

2007 में हुए थे गिरफ्तार

गुजरात सीआईडी ने मार्च 2007 में वंजारा को 2005 के सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर केस में गिरफ्तार किया था। वंजारा उस वक्त बॉर्डर रेंज में डीआईजी का पद संभाल रहे थे। बाद में उन्हें इशरत जहां और तुलसी प्रजापति एनकाउंटर केस में भी अभियुक्त बनाया गया। इन एनकाउंटरों की वजह से उन्हें एनकाउंटर विशेषज्ञ की संज्ञा दी जाने लगी थी। विवादित पुलिस अफसर वंजारा पिछले सात साल से जेल में हैं। वे जून में रिटायर भी हो गए हैं।

1987 में बने आईपीएस

वंजारा ने 1980 में डीएसपी के तौर पुलिस सेवा जॉइन की थी। 1987 में उन्हें प्रमोट करके आईपीएस अधिकारी बना दिया गया। वह अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के डीसीपी भी रहे, बाद में उन्हें डीआईजी पद पर प्रमोट कर दिया गया। वह अहमदाबाद एटीएस के डीआईजी भी रह चुके हैं।

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