कोयला घोटाले में भी सीबीआइ निदेशक से जवाब तलब

नई दिल्ली। 2जी मामले के बाद कोयला घोटाले में भी आरोपियों से मिलने के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा से जवाब-तलब कर लिया है। कामनकाज संस्था की अर्जी पर सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने सिन्हा को दस दिन में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अर्जी में सिन्हा पर कोयला घोटाले के अभियुक्तों से मिलने और जांच को प्रभावित करने का आरोप लगाते हुए उन्हें जांच से अलग करने की मांग की गई है। इस आचरण के लिए सीबीआइ प्रमुख के खिलाफ एसआइटी से जांच कराए जाने का भी आग्रह किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को कोयला घोटाले के मामले में सुनवाई के दौरान सिन्हा को नोटिस जारी कर दस दिन में जवाब मांगा है। हालांकि, कोर्ट ने कोयला घोटाले की जांच का सुपरविजन सिन्हा से वापस लिए जाने का अंतरिम आदेश देने से फिलहाल इन्कार कर दिया। पीठ ने कहा कि वह कोई भी आदेश सिन्हा का पक्ष सुनने के बाद ही जारी करेंगे। कोर्ट इस मामले में 19 सितंबर को फिर सुनवाई करेगा। मालूम हो कि इससे पहले सोमवार को एक अन्य पीठ ने 2जी मामले में आरोपियों से मिलने के लगाए गए इसी तरह के आरोपों पर सिन्हा से जवाब तलब किया था। उस मामले में सिन्हा को एक सप्ताह में जवाब देना है।

मंगलवार को कोयला घोटाले में सुनवाई शुरू होते ही याचिकाकर्ता संस्था के वकील प्रशांत भूषण ने अपनी अर्जी का जिक्र किया। उन्होंने रंजीत सिन्हा पर कोयला घोटाले के अभियुक्तों से मिलने और अभियुक्तों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। हालांकि, उनके आरोपों का सीबीआइ वकील अमरेन्द्र शरण व विकास सिंह ने विरोध किया। अमरेन्द्र शरण ने कहा कि अर्जी में कोयला घोटाले के जिन अभियुक्तों से मिलने का आरोप लगाया गया है, उनके खिलाफ तो सीबीआइ पहले ही एफआइआर दर्ज कर रखी है। जबकि विकास सिंह का कहना था कि याचिकाकर्ता ऐसे ही आरोप 2जी मामले में लगा चुका है और एक अन्य पीठ उस पर सुनवाई कर रही है। मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने वकीलों की मौखिक दलीलें दरकिनार करते हुए कहा कि नोटिस जारी किया जा रहा है जो कहना है लिखित जवाब दाखिल कर कहा जाए। अदालत ने कोयला घोटाला मामले की जांच में पूर्व अटार्नी जनरल स्वर्गीय गुलाम ई वाहनवती के प्रयासों की सराहना की।

कामनकाज संस्था ने अपनी अर्जी में सिन्हा के घर आने जाने वालों के गेस्ट रजिस्टर में दर्ज प्रविष्टियों को आधार बनाते हुए सिन्हा पर अभियुक्तों से मिलने और उन्हें संरक्षण देने का आरोप लगाया है। अर्जी में न सिर्फ सिन्हा को कोयला घोटाले की जांच से अलग करने की मांग की गई है बल्कि उनके इस आचरण की एसआइटी से जांच कराने की भी मांग की गई है। इस बीच केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने सीबीआइ प्रमुख को लेकर पैदा हुए विवाद पर कोई भी टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।

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