जम्मू-कश्मीर: जलस्तर में आई कमी, राहत और बचाव कार्य तेज
श्रीनगर। बाढ़ की विभीषिका से बुरी तरह प्रभावित श्रीनगर शहर में जल स्तर घटने लगा है जिसके चलते बचाव कार्य में भी गति आ गई है। अभी तक सुरक्षाकर्मियों 29,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुके हैं। हालांकि बाढ़ग्रस्त कश्मीर घाटी में आज भी करीब चार लाख से ज्यादा लोग मदद का इंतजार कर रहे हैं।
बचाव कार्य तेज करते हुए सेना और वायुसेना ने बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को निकालने, उन्हें खाद्य सामग्री और दवाएं मुहैया कराने के लिए 329 कॉलम तथा 79 विमान और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। भारतीय सैन्य बल युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव अभियान चला रहे हैं। श्रीनगर में बाढ़ में फंसे एनआइटी के चार सौ छात्रों को सुरक्षित निकालकर लेह पहुंचा दिया गया है।
इससे पहले बुधवार को राहत और बचाव में लगे राष्ट्रीय आपदा राहत बल के जवानों को भी स्थानीय लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा था। बाढ़ प्रभावित इलाके में एनडीआरएफ का एक जवान एक स्थानीय लोगों के हमले में घायल भी हो गया।
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाके में राहत और बचाव कार्य में लगे राष्ट्रीय राहत आपदा बल के जवान जब गंभीर रूप से घायलों को बचाने में जुटे थे तभी स्थानीय लोगों ने उस पर हमला कर दिया। दरअसल में वह बचाव दल के जवानों के जवाब से संतुष्ट नहीं थे। ये लोग बचाव दल से एक खास जगह पर राहत कार्य को चलाने की बात कर रहे थे, जबकि वह जवान अन्य जगहों पर भी राहत और बचाव कार्य को अंजाम देने की बात कर रहा था।
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